राम-राम का जप से ही आत्मा श्री राम चरणों में समाहित होगी: कौशल

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देहरादून 01 मई। श्री रामकथा यज्ञ समिति द्वारा आयोजित चौथे दिन की कथा में परम पूज्य संत प्रवर श्री विजय कौशल जी महाराज के मुखारविंद से श्रीराम कथा का अमृत वर्षा का गायन किया गया।
पूज्य महाराज श्री ने कहा कि मनुष्य को कुसंग से बचना चाहिए क्योंकि अगर कुसंग का साथ करेंगे तो आपको कभी भी अच्छे परिणाम नहीं प्राप्त हो सकते हैं महाराजा दशरथ की तीन रानियों में सबसे योग्य सुयोग्य धर्म निष्ट सामाजिक एवं आर्थिक योजनाओं में पारंगत रानी कैकेई ही थी परंतु मंथरा जैसी कुरूप कुबड़ी कुसंगत के कहने पर सबसे प्रिय पुत्र भगवान श्रीराम को वनवास भेजने का निर्णय ले लिया कृपया कुसंग की ओर नहीं जाना चाहिए जिस शब्द के आगे कु लगा हो तो उससे हमें बचना चाहिए सुसंगत सुयोग के साथ चलना चाहिए इसलिए अच्छे आचरण के व्यक्ति का साथ करना चाहिए जीवन में अच्छा आचार विचार व्यवहार उच्च कोटि के आचरण करने वाले व्यक्ति का अनुसरण करना चाहिए इससे इस लोक में भी यश प्राप्त होता है और परलोक में भी सुयश प्राप्त होता है।
महाराज श्री ने आगे कथा में बताया कि मनुष्य जब कोई बुरा कार्य या पाप करता है तो उसे बहुत ही सावधानी के साथ करता है और जब अच्छे कार्य को करता है तो विना सोच समझकर करता है पाप मनुष्य को उसके अंत समय में अवश्य ही याद आता है महाराजा दशरथ का जब अंत समय आया तो उनको श्रवण कुमार के माता पिता का श्राप याद आ गया और रोते हुए महारानी कौशल्या से कहने लगे महारानी मेरा अंत समय आ गया है और भगवान श्री राम को याद करते हुए राम नाम का सुमिरन करने लगे और यह संदेश दिया कि समाज को घर पल हर क्षण भगवान श्री राम का जाप हरि नाम का जाप उठते बैठते जागते सदैव भगवान राम नाम का जप करते रहना चाहिए इससे जब तक ये शरीर है तब तक राम-राम का जप छुटना नहीं चाहिए तभी अंत में आपकी आत्मा श्री राम चरणों में समाहित होगी अन्यथा इधर-उधर भ्रमण करती
रहेगी कलयुग में विशेषकर केवल राम नाम के सुमिरन से ही सत्संग संकीर्तन से भजन से ब्राम्हणों पंडितों को दान करने से भगवत प्राप्ति होती हैं।
श्री राम कथा अमृत वर्षा में समिति के अध्यक्ष राकेश अग्रवाल कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी अग्रवाल उपाध्यक्ष प्रमोद मित्तल महामंत्री गोविंद मोहन राज पुर विधान सभा के विधायक खजान दास विशाल गुप्ता कोषाध्यक्ष कमल स्वरुप जिंदल विवेक गोयल नीरज गोयल अमरकांत गर्ग विनोद मित्तल राघव गोयल सुयश गर्ग उमा नरेश तिवारी आदि समिति के सदस्य उपस्थित रहे।