श्रीरामलीला कमेटी द्वारा जिला प्रभारियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया, “वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ भारद्वाज ने आरती कर किया शुभारंभ”, कुंभकर्ण, मेघनाथ का वध व सुलोचना सती का दिखाया गया मार्मिक दृश्य हनुमान जी ने मारा अहिरावण, श्रीराम रावण युद्ध में धाराशाई हुआ रावण 

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कैराना। नगर के गऊशाला भवन में श्रीरामलीला महोत्सव का 16वें दिन का श्रीगणेश वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ भारद्वाज द्वारा गणेश वंदना के उपरांत प्रारंभ किया गया। इसी क्रम में श्री रामलीला कमेटी द्वारा वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ भारद्वाज, सम्पादक महताब शानू व सलीम चौधरी को मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया। श्री रामलीला महोत्सव में कुंभकरण, मेघनाथ सुलोचना सती अहिरावण वध व रावण वध का शानदार मंचन किया गया। इस दौरान रामलीला को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।

रामलीला के प्रथम दृश्य में रावण मेघनाथ द्वारा लक्ष्मण को मूर्छित करने की खुशी में नाच गाना का अपने दरबारियों के साथ आनन्द मनाता है। नांच देखने में मसगूल रावण को सूचना मिलती है कि लक्ष्मण की मूर्छा खूल गई है। रावण विचार करता है कि क्यों न कुंभकर्ण को नींद से जगाया जाय और विचार कर रावण अपने दरबारियों सहित जाकर अपने भाई कुंभकर्ण को जगाता है और सारा वर्त्तांत कुंभकर्ण को बताकर युद्ध में भेजता है। इस प्रकार भयंकर युद्ध होता है। जिसमें कुंभकरण, श्रीराम, लक्ष्मण युद्ध कर रहे हैं। अंत में श्रीराम के हाथों कुंभकर्ण को मृत्यु प्राप्त होती है। रावण कुंभकर्ण की मौत की खबर सुनकर आग बबूला हो जाता है और अपने पुत्र मेघनाथ को लड़ने के लिए भेजता है। दूर से लक्ष्मण मेघनाथ से अपना बदला लेने के लिए युद्ध में आते हैं। दोनों का घमासान युद्ध होता है। अंत में लक्ष्मण मेघनाथ का सर धड़ से अलग कर देते हैं एवं हाथ काट देते है जिससे मेघनाथ मृत्यु को प्राप्त होता है। इस प्रकार सुलोचना विलाप कर रही है। वह अपने पति के सिर को लेकर श्रीरामा दल मे जाती है। श्रीराम उसके पति का सिर उसको देते हैं। अंत में वह सती हो जाती है। अगले दृश्य में रावण अपने भाई अहिरावण को बुलाने के लिए यज्ञ करता है। अहिरावण प्रकट होता है। रावण अहिरावण को राम लक्ष्मण का हरण कर पाताल ले जाकर दोनों की बलि चढ़ाने को कहता है। अहिरावण विभिषण का भेष बदलकर रामादल में घुस जाता है व सभी को मूर्छित कर राम लक्ष्मण का हरण कर पाताल लोक ले जाता है। रामादल में राम लक्ष्मण को ना पाकर हाहाकार मच जाता है। हनुमान जी बताते है कि केवल विभिषण ही पूजा कर देर से रामादल में आये थे अन्य कोई नहीं। विभिषण बताते हैं कि केवल मेरा वेश धारण पाताल का राजा अहिरावण ही धारण कर सकता है अन्य कोई नहीं। ओर अहिरावण ही श्रीराम लक्ष्मण का हरण कर पाताल लोक उनकी बलि चढ़ाने ले गया है। हनुमान जी द्वारा अहिरावण का वध होता है किन्तु ठीक इससे पहले नगर की महिलाओं द्वारा माता पूजें जाने का बहुत शानदार प्रदर्शन किया जाता है सभी रामलीला दर्शकों का बहुत जबरदस्त मनोरंजन होता है। हनुमान जी   अहिरावण का वध करते हैं। अगले दृश्य में रावण अपनी विशाल सेना लेकर श्रीराम से युद्ध करने आता है। श्रीराम रावण का भाषण युद्ध होता है और श्रीराम के हाथों रावण अपने प्राण गंवाता है। श्रीरामलीला महोत्सव में अपार भीड़ रही। अभी श्रीराम का राजतिलक कर श्रीराम लीला महोत्सव सम्पन्न कर दिया जाता हैं। रावण का अभिनय शगुन मित्तल एडवोकेट ने व कुंभकर्ण का अभिनय राकेश सप्रेटा ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर निभाया। श्रीरामलीला कमेटी के संजू वर्मा, अरविन्द मित्तल, राकेश कुमार, नामदेव बंधूजन, राकेश वर्मा, विरेन्द्र वशिष्ठ , सोनू नेता , पुनीत गोयल, हिमांशु गोयल, टिल्लू आदि सभी सदस्य मौजूद रहे।

रिर्पोट: सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी जनपद शामली उ०प्र०।