श्रीराम लीला महोत्सव आरम्भ, एडीएम, एसडीएम, थानाध्यक्ष एवं भाजपा नेता ने दीप प्रज्वलित कर किया श्री गणेश, मंचन में नारद मोह, इन्द्र का डोला सिंहासन, नारद मुनि ने दिया श्राप

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कैराना,शामली। नगर के गौशाला भवन में चल रही श्री रामलीला महोत्सव का शुभारंभ पर अपर जिलाधिकारी संतोष सिंह उप जिलाधिकारी स्वप्निल यादव थाना अध्यक्ष कैराना वीरेंद्र कसाना वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल चौहान और पंकज वालिया के द्वारा दीप प्रज्वलित कर श्रीरामलीला महोत्सव का श्रीगणेश किया गया। कमेटी के वरिष्ठ पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना कराई गई। कैराना नगर में रामलीला महोत्सव मंचन का शुभारंभ नारद लीला से किया गया। मंचन में दिखाया गया कि नारद जी चारों लोक के चक्कर काट रहे थे। रास्ते में हिमगिरी पर्वत पर उनकी इच्छा हुई कि वो इस शांत स्थान पर तपस्या करें। वह ध्यानमग्न होकर समाधि में बैठ गए। स्वर्ग के राजा इंद्र का सिंहासन डोलने लगा को वह बेहद परेशान हुए। सिंहासन डोलने के बाद वह अपने सेवक कामदेव और रंभा आदि अप्सराओं को नारद जी की तपस्या भंग करने के लिए भेजते हैं। लेकिन कामदेव नारद जी की तपस्या भंग नहीं कर पाते हैं और नारद जी से क्षमा मांगते है। इसी दौरान रंभा आदि अप्सरायें भी नारद जी की तपस्या को भंग नहीं कर पाते हैं। जिससे उत्साहित होकर नारद जी अपना वृत्तांत बताने के लिए कैलाश पर्वत पर भगवान शंकर के पास जाते हैं। भगवान शंकर नारद जी की इच्छाशक्ति देख उनके पीछे दूत के तौर पर अपने दोनों गणों को भेज देते हैं। उसके उपरांत नाराज नारद जी अपने पिता ब्रह्माजी और विष्णु भगवान के पास जाकर अपने यश का बखान करते हैं। विष्णु भगवान के आदेश पर शील निधि राजा अपनी पुत्री विश्वमोहिनी के स्वयंवर के लिए मुनादी कराते हैं। जिसमें नारद जी भी आते हैं। इससे पूर्व नारद जी शीलनिधि की पुत्री विश्वमोहिनी का हाथ देखकर बताते हैं कि वह बहुत ही भाग्यशाली हैं। स्वयंवर में नारद जी विश्वमोहनी से विवाह करने का काफी प्रयास करते हैं परंतु विश्वमोहिनी विष्णु भगवान के गले में माला डाल देती हैं। नारद जी बहुत क्रोधित होते हैं।

नारद जी ने दिया गणों को श्राप

विष्णु भगवान नारद जी के मुंह और मस्तक पर रंग लगाकर उनका वानर का रूप में बना देते हैं। नारद जी को जब यह पता लगता है तो वह अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं और शंकर भगवान के गणों को श्राप देते हैं कि ‘तुम अगली जन्म में राक्षस बनोगे और क्रोधित हो कर चले जाते हैं। नारद जी विष्णु भगवान पर भी काफी क्रोधित होते हैं और उन्हें भी श्राप देते हैं कि जिस प्रकार में पत्नी के वियोग में तड़प रहा हूं अगले जन्म में तुम भी उसी प्रकार पत्नी के वियोग में तड़पोगे। हिमालय और कैलाश पर्वत की बहुत ही सुंदर झांकियो का दृश्य डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू के द्वारा प्रस्तुत किया गया। दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा की। नारद का अभिनय पंडीत मोहित शर्मा, नट का अभिनय रोहित, नटनी सागर मित्तल और गण का अभिनय सोनू कश्यप, आशु गर्ग, विष्णु भगवान का अभिनय सतीश प्रजापत, लक्ष्मी जी का अभिनय शिवम गोयल, शील निधि का अभिनय ऋषिपाल , कामदेव का अभिनय पुनित गोयल, रंभा आदि अप्सराओं का अभिनय सागर आदि , इंद्र का अभिनय प्रमोद गोयल, शंकर भगवान का अभिनय सोनू नेता ने किया। इस दौरान जयपाल कश्यप एडवोकेट अध्यक्ष , राकेश वर्मा, अनिल मित्तल, संजीव जैन, दामोदर सैनी, आलोक चौहान एडवोकेट, आलोक गर्ग महासचिव, डाक्टर रामकुमार गुप्ता, सूरज वर्मा, अतुल गर्ग,  पंकज सिंघल, संजू वर्मा, राकेश गर्ग, मोहनलाल आर्य, शगुन मित्तल एडवोकेट, विजय नारायण, सतीश कुमार, अभिषेक गोयल, राकेश, अंकित, अमित ऑटोमोबाइल राजेश नामदेव वीरेंद्र वशिष्ठ डिंपल अग्रवाल, आशीष सैनी, आशीष नामदेव, रवि नामदेव, आयुष, अमित सैन, आशु , राकेश सप्रेटा पूर्व सभासद, सन्नी, सुशील सिंघल, रोहित, अश्वनी सिंघल,  डॉक्टर सुशील, अरविंद मित्तल, नीरज गर्ग, तुषार वर्मा, अनुज, राकेश, सूरज वर्मा, अभिषेक शर्मा, अनमोल, निक्की, सचिन शर्मा, पप्पू,  गौरी नामदेव, अमन गोयल, शिव आदि कलाकार मौजूद रहें। इससे पूर्व रामलीला मंचन से पहले नगर पालिका परिषद की ओर से विशेष सफाई अभियान चलाया गया और मच्छरों के प्रकोप से बचाव हेतु दवाई का छिड़काव कराया गया। सुरक्षा की दृष्टि से प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र कसाना के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात रहा।

रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी जनपद शामली।