देहरादून। उत्तराखण्ड के राजकीय दून चिकित्सालय में युवती की मौत पर उसके पिता ने चिकित्सक व नर्स के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की तहरीर कोतवाली में दे दी। पुलिस ने मामले की जांच कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार गत दिवस दून चिकित्सालय में ग्राम समाल्टा ददौली तहसील कालसी निवासी गोपाल की पुत्री निशा की दून चिकित्सालय में मौत हो गयी थी। जिसपर परिजनों ने चिकित्सको ंपर लापरवाही का आरोप लगाया था। आज यहां मृतका के पिता गोपाल ने कोतवाली में तहरीर देते हुए बताया कि उसकी पुत्री निशा देहरादून में प्राइवेट जॉब करती थी। कुछ दिनों पहले उसको बुखार हो गया था फिर बुखार ठीक भी हो गया था। दो दिन पहले निशा को फिर से हल्का सा बुखार था तथा पेट भी ठीक नहीं था। उसने अपनी पुत्री को लेमहन हास्पिटल में भर्ती कराया। हास्पिटल के द्वारा बेड की असमर्थता जतायी तो वह उसको लेकर दून हास्पिटल में आया। रात को उसको अमरजेंसी में दिखाने के लिए कहा गया। उस समय उसकी पुत्री पूर्ण तरह से ठीक थी तथा बोलचाल रही थी हल्का सा बुखार था। रात्रि करीब साढे ग्यारह बजे एक नर्स आयी और उसने तीन दवाइयों को मिक्स करके एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन के लगाते ही लगभग पांच मिनट में उसकी बेटी जोरकृजोर से चिल्लाने लगी तथा उसके हाथ पैर कर रंग बदलने लगा तथा मुंह से खून की उल्टी व झाग निकलने लगा। पांच मिनट के अन्दर उसकी बेटी की मृत्यु हो गयी। उसने आरोप लगाया कि दून हास्पिटल प्रशासन उसकी बेटी के भर्ती होने के दस्तावेज गायब कर सकते हैं तथा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी बदल सकते हैं इसलिए उसकी बेटी का पोस्टमार्टम किसी दूसरे अस्पताल के डाक्टरों से कराया जाये। पुलिस ने तहरीर लेकर जांच शुरू कर दी।