हत्या करने के बाद फरार होने पर प्रकाश से ओम प्रकाश बनकर रह रहा था आरोपी
देहरादून 30 सितंबर । शातिर व इनामी अपराधियों की शत-प्रतिशत गिरफ्तारी के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के ऑपरेशन प्रहार के तहत उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा एक और बड़ी कामयाबी हासिल की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा खतरनाक शातिर व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के में अब तक 50 शातिर व खतरनाक इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा की जा चुकी है। स्पेशल टास्क फोर्स ने शनिवार को बल्लभगढ़ हरियाणा से जनपद नैनीताल के थाना लालकुंआ में पंजीकृत मुकदमें में प्रकाश पंत को गिरफ्तार किया है।
आरोपी प्रकाश पंत ने 10 दिसंबर 2009 को जमीन के बटवारे को लेकर अपने चाचा दुर्गा दत्त पंत की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी तथा फरार हो गया था एवं तभी से लगातार फरार चल रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए तत्समय नैनीताल पुलिस द्वारा काफी प्रयास किये गये थे परन्तु प्रकाश पंत दिल्ली, हरियाणा, बेंगलौर, तमिलनाडु, गुजरात, पूना आदि अपनी पहचान छिपा कर व अपना नाम ओमप्रकाश रख कर रह रहा था तथा वह वैल्डिंग के काम में दक्ष होने के कारण उसे अपनी जीविका चलाने में दिक्कत नहीं हो रही थी और उसे आसानी से काम मिल जाता था। वह समय-समय पर अपने छिपने का स्थान बदलकर वैल्डिंग की दुकानो/फैक्ट्री में काम कर रहा था। आरोपी प्रकाश पंत ने बताया कि मैं पहले से फरीदाबाद में काम वेल्डिंग फैब्रिकेशन फीटर का काम करता था जहां चम्पावत में पैतृत्क जमीन थी और मेरे चाचा जो कि विन्दुखाता लालकुंआ, नैनीताल में रहते थे। जमीन के बंटवारों को लेकर मेरे पिता व मेरे चाचा दुर्गा दत्त पंत के मध्य विवाद चल रहा था। 10 दिसंबर 2009 को में उस दिन दिल्ली से अपने चाचा के पास बिन्दुखाता जमीन के संबंध में बात करने आया और अपने चाचा को खूब समझाया परन्तु वह नहीं माने तो मैंने गुस्से में आकर तंमधे से उनको गोली मार दी, उसके बाद में वहां से फरार हो गया तथा हरियाणा, बंगलौर, तमिलनाडु, गुजरात, पूना आदि स्थानो पर रह रहा था वर्ष 2016 में मैने उन्नाव यूपी की रहने वाले एक परिवार की लडकी पूजा से शादी कर ली और में बल्लभगढ़ हरियाणा में मशीन के समान की वेल्डींग की दुकान खोल ली और विगत 7 साल से वहीं रह रहा था। वहां मुझे सब ओम प्रकाश के नाम से जानते थे। वर्तमान में मेरे 7 वर्ष 4 वर्ष व 2 वर्ष के तीन बेटे है मैने अपना घर जीवन नगर गोची. बल्लभगढ, फरीदाबाद हरियाणा में मैने एक अपना घर भी बना लिया था। मैने अपनी रिश्तेदारी और पुराने रहने की जगह में सभी को यह अफवाह फैला दी थी कि मै अब नेपाल में रह रहा हूँ तथा अब कभी भारत वापस नही आउंगा जिससे कि पुलिस का ध्यान मेरे से हट जाए मेरी इस तरकीब से यह प्रभाव पड़ा कि सभी लोग मुझे नेपाल में रहना समझ कर मेरी खोजबीन नहीं कर रहे थे।