मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ पत्रकारों का बायकाट से उजागर हुआ कांग्रेस का नफरती चेहरा:चौहान

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मोहब्बत की दुकान का दावा करने वाली कांग्रेस का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बयानबाजी नौटंकी

देहरादून 15 सितंबर । भाजपा ने I.N.D.I.A. गठबंधन द्वारा मीडिया संस्थानों से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों के बायकॉट की कड़ी निन्दा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कांग्रेस के नफरत भरा चेहरा और असलियत बताया है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी ने आरोप लगाया कि एक बार पुनः साबित हुआ है कि आपातकाल में प्रेस की आजादी समाप्त करने की अपराधी और मुहब्बत की दुकान का दावा करने वाली कांग्रेस के मन में पत्रकारों के प्रति इतनी नफरत भरी है ।
पार्टी मुख्यालय में मीडिया के सवालों का ज़बाब देते हुए उन्होंने कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग देश दुनिया में अभिव्यक्ति का गला घोटने के झूठे आरोप लगाते फिर रहे हैं अब वही उनको आइना दिखाने वाले पत्रकारों का विरोध कर रहे है । एक ओर वह मोहब्बत की दुकान चलाने का दावा कर रहे हैं और दूसरी तरफ उनके मन में पत्रकारों के प्रति इतनी नफरत भरी है । इस गठबंधन के सभी नेता लोकतंत्र के दमन का शोर मचा रहे हैं और स्वयं लोकतंत्र के ही चौथे स्तंभ के प्रति घृणित मानसिकता से ग्रस्त है। कांग्रेस ही वह पार्टी है जिसने आपातकाल लागू कर देश में लोकतंत्र समाप्त करने का अपराध किया था। इनके डीएनए में ही घमंड और तानाशाही है । इतिहास के काले अध्याय में वह दौर दर्ज है जब न्यायालय का आदेश तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ आने पर कांग्रेस ने समूचे देश के मौलिक अधिकारों को हड़प कर सजा दी थी। आज उनके ही नेतृत्व वाले गठबंधन में सच और आलोचना सुनने की क्षमता नहीं है। यही कारण है कि उन्होंने देश के तमाम बड़े पत्रकारों के सामने जाने से ही इंकार कर दिया है ।
श्री चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा, घमंडी गठबंधन की समन्वय समिति की पहली बैठक में ही प्रेस की आजादी को प्रभावित करने वाला यह निर्णय सामने आया है । डीएमके के नेता तो पहले ही खुलासा कर चुके हैं कि सनातन संस्कृति का विरोध गठबंधन की नीति का हिस्सा है । ऐसे में अब देश के अनेकों शीर्ष पत्रकारों का सार्वजनिक बहिष्कार यह दर्शाता है कि भविष्य में लोकतंत्र हरण उनके सैद्धांतिक और वैचारिक नीति का अहम हिस्सा बनने वाला है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो गलती पूर्व मे की वह उसका पश्चाताप के बजाय और मजबूती से पूर्व मे लिए गए दुखद निर्णय को सही ठहराने की कोशिश कर रही है जो कि निराशाजनक है।