कोटद्वार में श्री वृंदावन रस महिमामृत राधा नाम की महिमा का आयोजन।

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कोटद्वार 27 अगस्त। श्रीवृंदावन से आए श्रीबांके बिहारी जी मुख्य सेवायत पूज्य श्री आश्रित गोस्वामी जी महाराज द्वारा तीन दिवसीय श्री वृंदावन रस महिमामृत राधा नाम की महिमा का शुभारंभ बहुत भव्य और श्रद्धा पूर्वक किया गया। कार्यक्रम शुभम गुप्ता एवम् श्रीश्याम मित्र मंडल समिति (रजि) कोटद्वार, के सहयोग एवं तत्वाधान में किया गया। पूज्य श्री आश्रित गोस्वामी जी द्वारा भगवान शिव की रसिक भक्ति की विवेचना,राधा कृपा कटाक्ष का भक्ति मत के अनुसार अर्थ, श्री राधा रानी के दिव्य सप्त सिंधुओं पर विशिष्ट चर्चा की गई ।
आचार्य श्री ने कथा में कहा कि युवाओं को भीड़ की जगह भजन, और भजन का सर्वोत्तम मार्ग एकांत है, जिस पर साधक वृंदावन की दिव्य भक्ति को प्राप्त कर जीवन को आध्यात्मिक दिशा प्रदान कर सकता है । उन्होंने कहा कृष्ण नाम एक संपत्ति है,जिसकी मालकिन श्रीराधा रानी है। इस संपत्ति को अर्जित करने के मार्ग उन्होंने इस कथा के माध्यम से बताएं। उन्होंने कहा संत पधारने से जीवन में होती है भगवान की स्मृति,समय थोड़ा है – साधन बहुत बड़ा करना है – इसका सीधा संबंध हरी से कैसे बनाएं। इसके साथ ही श्रीबांके बिहारी जी के दिव्य शाब्दिक दर्शनों का चिंतन, वृंदावन का स्वरूप – स्वभाव एवं वृंदावन के रसिक शिरोमणि जिन्होंने श्रीबिहारी जी को प्रकट किया, श्री हरिदास जी की भक्ति शैली पर विशिष्ट चर्चा की।
कार्यक्रम में कोटद्वार वैश्य अग्रवाल सभा के अध्यक्ष सुबोध गर्ग,युवा अग्रवाल सभा अध्यक्ष मनोज कंसल,महिला सभा अध्यक्ष अंजलि अग्रवाल के अतिरिक्त श्याम मित्र मंडल समिति के समस्त सदस्यों ने पूर्ण मनोयोग से कार्यक्रम में सहभागिता निभाई। कार्यक्रम में शिखा गुप्ता, हिमांशी गुप्ता, सुशील गुप्ता,अमित गुप्ता, नंदकिशोर मित्तल, सौरभ गुप्ता, प्रतीक गुप्ता,लविश गुप्ता,गिरीजेश अग्रवाल ,नरेंद्र मित्तल नीरज गुप्ता के अतिरिक्त शहर के सैकड़ो धर्म प्रेमीयों ने कथा का आनंद लिया तथा भंडारा प्रसादी ग्रहण की ।