श्री भक्तमाल की कथा में मीरा विवाह और जहर पीने का वर्णन सुन श्रोता हुए भावुक।

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देहरादून 24 अगस्त। मन्दिर श्रीराधा कृष्ण मान्नूगंज द्वारा आयोजित श्री भक्तमाल कथा के तीसरे दिन चित्र विचित्र जी महाराज ने कथा का शुभारंभ श्री भगवद्भक्तेभ्यो नमः।। छन्द प्रमाणिका नमामि भक्तमाल को समर्पित स्तुति से किया।
श्री वृंदावन धाम के रसिक संत बाबा चित्र विचित्र जी महाराज जी ने मीरा का प्रसिद्ध भजन “मैने लीनो गोविंदा मोल,श्रीकृष्ण प्रेम व भक्तो की कथा मे कृष्ण के प्रेम की दीवानी मीरा भाई की कथा मे आज मीरा के विवाह का दिव्य वर्णन का गुनगान किया जिसके चलते श्रोता भाव विभोर होकर आखो से झरझर आसू बहाने लगे, लेकिन अगले ही पल मीराबाई को शादी के लिए सजाने के भजन,आओ मेरी सखीयो मुझे मेहन्दी लगा दो,मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो गाते हुए प्रेम से नृत्य करने लगे अंत मे मीरा बाई ने विष के प्याले का सेवन कर ”पग घुँघरू बाध मीरा नाची रे के साथ तीसरे दिन की कथा को विश्राम दिया।
भक्तमाल ग्रन्थ के रचियता श्री नाभादास जी महाराज है। भक्तमाल कथा में भगवान् के प्रति भक्तों का समर्पण और उनकी दिव्य भक्ति का दर्शन है समिति से मंदिर के पुजारी मनीष शर्मा,मुकेश शर्मा,अर्पित बग्गा,गौरव वाधवा,रजत सभरवाल, गुरदीप सिंह,ऋषभ अग्रवाल,उमेश मिनोचा,अंकुर जैन,दीपक गर्ग,अरविन्द तायल,जी,ऋषि अरोड़ा, उमेश कौशिक,डी. के.चावला,शुभम शर्मा,विनोद भर्तरी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।