विकास ही सरकार का मुख्य एजेंडाः धामी

-सीएम ने अफसरों को दिया अल्टीमेटम
-15 अगस्त तक पूरा कर लें योजनाओं का काम
-30 दिन में टास्क पूरा करने का दिया आदेश
देहरादून। मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद से ही पुष्कर सिंह धामी काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में सीएम ने अधिकारियों को 30 दिन का एक टास्क पूरा करने को दिया है। इस टास्क के तहत राज्य में संचालित योजना और कार्यक्रमों के लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति को लेकर 15 अगस्त तक पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में उत्तराखंड शासन की ओर से आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
जारी किए गए आदेशानुसार 15 अगस्त तक सभी विभाग के अधिकारियों को वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसका मकसद तय समय पर चरणबद्ध तरीके से विकास कार्यों को गति देना है। गौरतलब है कि आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीनों का ही समय बचा है। ऐसे में सरकार राज्य में संचालित हो रही योजनाओं को धरातल पर उतारने में जुट गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैंने पहले ही इस बात पर जोर दिया था कि योजनाओं और कार्यक्रमों को तय समय पर पूरा किया जाए। वर्तमान में मॉनसून सीजन चल रहा है। ऐसे में अधिकारियों को 30 दिन का समय दिया गया है। जो भी शासनादेश जारी होने हैं, उन सभी को 15 अगस्त तक जारी कर दिया जाए। जिससे की रुकी हुई योजनाएं को शुरू किया जा सके। साथ ही जो योजनाएं चल रही हैं, उन्हें गुणवत्ता के साथ समय से धरातल पर लाया जा सके।
गौरतलब है कि सीएम पुष्कर धामी पहले भी कई मंचों से कह चुके हैं कि विकास उनकी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है। हमारा एजेंडा प्रदेश का विकास है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास को घर-घर तक पहुंचाना है। हमारी सरकार ने जो योजनाएं शुरू की हैं, उन्हें पूरा करना है। लोगों को रोजगार, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, जनता के साझेदार के रूप में काम करना, ये सब हमारे एजेंडे में है।
-धामी सरकार का फरमान
-उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों में स्थिति बिगड़ी तो डीएम होंगे जिम्मेदार
प्रदेश के हिल स्टेशनों पर वीकेंड पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस दौरान सैलानी कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते दिखाई दिए हैं। कुछ ऐसी ही तस्वीरें मसूरी और नैनीताल से सामने आई थीं। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है।
सरकार ने कहा कि यदि पर्यटन स्थलों में अभी स्थिति बिगड़ती है तो इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होगी।
सरकार ने वीकेंड पर सैलानियों की भीड़ के संबंध में निर्णय लेने के लिए जिलाधिकारियों को अधिकृत किया है। जिलाधिकारी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे।डेल्टा वेरिएंट के खतरे के बीच वीकेंड पर मसूरी और नैनीताल में पर्यटकों की भारी आमद देखने को मिल रही है। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं हो रहा है। कई जगहों पर पर्यटक बिना मास्क के घूमते हुए दिख रहे हैं। भीड़ बढ़ने से जहां स्वाभाविक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उड़ रही हैं, जिससे कोरोना का खतरा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।साथ ही उत्तराखंड पुलिस भी कोरोना को लेकर सख्त नजर आ रही है।
बीते दिन उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश की सभी जिला पुलिस को सख्त आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को कोरोना की गाइडलाइन के साथ-साथ 3 तरह के नियम अनिवार्य रूप से इंफोर्समेंट कराने को कहा गया है। सबसे पहले जो भी पर्यटक मसूरी, पौड़ी, श्रीनगर, नैनीताल, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, ऋषिकेश, हरिद्वार जैसे स्थलों में आते हैं, उन्हें 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है।
दूसरे नियम मुताबिक, देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। जबकि, तीसरे नियम के तहत जो भी यात्री जिस पर्यटक स्थल की ओर आ रहे हैं, उनका वहां के होटलों की बुकिंग का होना भी अनिवार्य किया गया है। ऐसे में अगर इन 3 नियमों को पूरा नहीं किया गया तो पर्यटकों को उत्तराखंड नहीं आने दिया जाएगा। उन्हें पुलिस चेक पोस्ट से वापस कर दिया जाएगा।
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