रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड भूस्खलन में लापता लोगों की संख्या अब 20 हो चुकी है खराब मौसम के बीच उन्हें ढूंढने में लगी बचाव व राहत टीमों की जद्दोजहद जारी है, यह अलग बात है कि कल बरामद किए गए 3 शवों के बाद अभी तक वह अन्य किसी लापता को तलाशने में सफल नहीं हो सकी है। लेकिन शासन-प्रशासन में बैठा कोई भी अधिकारी और नेता अभी तक गौरीकुंड पहुंचने का साहस नहीं दिखा सका है।रुद्रप्रयाग में मौसम खराब होने के कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गौरीकुंड दौरा रद्द हो गया है। इधर रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में भूस्खलन में लापता हुए 17 लोगों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू सुबह 5.30 बजे से शुरू हो गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं के जवान खोजबीन में जुटे हैं।
शनिवार सुबह खबर आई थी कि सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रभारी मंत्री सौरव बहुगुणा गौरीकुंड जाकर स्थलीय हालात की जानकारी लेंगे लेकिन दोपहर तक खबर आई कि खराब मौसम के कारण उनका दौरा रद्द हो गया है और वह अब यही से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उधर प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा जिले के अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह बैरिकेडिंग से बाहर बनी दुकानों को तुरंत हटवाए। उनके इस निर्देश के बाद घटनास्थल के आसपास बनी दुकानों को भी अब खाली करा लिया गया है। जिससे आगे होने वाले किसी भी नुकसान से बचा जा सके।
लापता 17 लोगों की तलाश जारी जरूर है लेकिन अब इनमें से किसी के भी जीवित बचने की संभावना कम ही शेष बची है। बचाव व राहत कार्य में लगी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तथा आईटीबीपी की टीमें खराब मौसम के बीच ही लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं। संभावना यह जताई जा रही है कि मलबे के साथ यह लोग भी मंदाकिनी नदी में बह गए हैं क्योंकि अब तक मलबे से किसी को भी बरामद नहीं किया जा सका है। मंदाकिनी का जलस्तर बढ़ने के कारण इन्हें ढूंढ पाना मुश्किल हो रहा है हालांकि मंदाकिनी को 3 सेक्टरों में बांटकर द्रोण के जरिए भी लापता लोगों को तलाशा जा रहा है। उफनती नदी और खराब मौसम के कारण बचाव राहत में भी मुश्किलें आ रही है।