राष्ट्रीय राजमार्ग पर शहीद आशाराम जगूड़ी स्मारक स्थल की दीवार के निर्माण हेतु आईटीबीपी ने संभाला मोर्चा।

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बड़कोट 23जुलाई । पौल गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे शहीद आशाराम जगूड़ी के स्मारक स्थल की क्षतिग्रस्त दीवार के निर्माण कार्य के लिए आईटीबीपी के जवानों ने मोर्चा संभाला है। 35वीं वाहिनी आईटीबीपी महीडांडा के जवान यहां शहीद स्मारक की क्षतिग्रस्त दीवार का निर्माण कर रहे हैं और इस स्थल का सौंदर्यीकरण भी किया जाना है। इस पुनीत कार्य के लिए क्षेत्र के लोगों ने आईटीबीपी के जवानो का आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
बड़कोट तहसील के पौल गांव निवासी आईटीबीपी के जवान आशाराम जगूड़ी वर्ष 2002 में जम्मू कश्मीर में सीमा पर तैनात थे, इसी दौरान वह 25 मई 2002 को शहीद हो गए थे। जिनकी याद में उनके पैतृक गांव पौल में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्मारक स्थल बनाया गया। बीते साल इस स्मारक स्थल की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी जिस दीवार के निर्माण के लिए शहीद के परिजनों द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों को के सामने गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी इस दीवार के निर्माण की जहमत नहीं उठाई। प्रशासन एवं संबंधित अधिकारियों की बेरुखी को लेकर शहीद के परिजनों एवं ग्रामीणों में आक्रोश है।
शहीद के पुत्र धनीराम जगूड़ी का कहना है कि ऑल वेदर निर्माण कार्य के दौरान स्मारक स्थल के सामने बड़े बड़े पत्थर व बड़ी-बड़ी मशीनें रखी गई थी, जिससे शहीद स्मारक की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। क्षतिग्रस्त दीवार के निर्माण के लिए उन्होंने कई बार स्थानीय प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों एवं निर्माण कंपनी के कर्मियों को अवगत कराया। लेकिन, किसी ने भी इस शहीद स्मारक की क्षतिग्रस्त दीवार के निर्माण को लेकर कोई सुध नहीं ली। अंत में थक हार कर उन्होंने आइटीबीपी के मुख्यालय, पीएमओ,केंद्रीय परिवहन मंत्री को एक पत्र प्रेषित किया। इधर पत्र के मिलते ही तुरंत आईटीबीपी के जवानों ने मोर्चा संभाला और क्षतिग्रस्त स्मारक की दीवार निर्माण का कार्य शुरू कर दिया।
वहीं आई टी बी पी 35वीं वाहिनी महिडांडा उत्त्तरकाशी के सेनानी सुनील कुमार का कहना है कि पौल गांव स्थित शहीद आशाराम जगूड़ी स्मारक स्थल की क्षतिग्रस्त दीवार के मामले में मुख्यालय से पत्र आया है और वह स्मारक की क्षतिग्रस्त दीवार का निर्माण करवा रहे हैं।