पौड़ी।देर रात जिले में थलीसैंण ब्लाक के अंतर्गत ग्राम रौली में बादल फटने से गांव के दोनों किनारों पर मौजूद बरसाती गदेरे ऊफान पर आने से गांव की करीब दो हेक्टेयर कृषि भूमि के साथ एक गोशाला भी बह गई। गोशाला में दो बैल और 11 बकरियां थी। इसके साथ ही थलीसैंण-पीठसैंण मोटर मार्ग पर स्थित एक पुल की दीवार भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। प्रशासन ने पुल पर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी है।
जानकारी के अनुसार रौली गांव में बादल फटने से गांव के तमाम रास्ते और गांव में घरों को एक-दूसरे से जोड़ने वाली आठ पुलिया बह गईं। साथ ही चंदन सिंह की गोशाला के साथ दो बैल और 11 बकरियां भी बरसाती गदेरे की भेंट चढ़ गईं। दर्शन सिंह की गोशाला को भी नुकसान पहुंचा है। साथ ही प्रमोद नेगी के आवासीय भवन के आंगन का पुश्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया। बरसाती गदेरों में ठाकुर सिंह और दर्शन सिंह के घराट थे, जो गदेरे के तेज बहाव में बह गए।
तहसीलदार आनंद पाल ने बताया कि गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। बरसाती गदेरों के तेज बहाव से थलीसैंण-पीठसैंण मोटर मार्ग पर ग्राम बगवाड़ी के समीप स्थित पुल के एक ओर का हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया, जिस कारण पुल पर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। पुल पर आवाजाही बंद होने से करीब 80 गांवों का संपर्क टूट गया है। इनमें करीब 72 गांव के लोग थलीसैंण-जसपुरखाल-उफरैंखाल-जगतपुरी होते हुए पीठसैंण पहुंच रहे हैं। इसके चलते उन्हें करीब 25 किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। जबकि, आठ गांवों के लिए फिलहाल सड़क संपर्क पूरी तरह बंद है। लोक निर्माण विभाग ने इन आठ गांवों के ग्रामीणों के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की है।
तहसीलदार मदनपाल ने बताया कि रौली गांव पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में बसा हुआ है। बीती रात गांव के ऊपरी हिस्से में बादल फटने से दोनों बरसाती गदेरों में पानी उफान पर था। तहसीलदार आनंद पाल ने बताया कि गांव का भूगर्भीय सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के बाद जरूरत पड़ने पर गांव को अन्यत्र विस्थापित किया जाएगा।