देहरादून 19 जुलाई । पाकिस्तान से अवैध तरीके से भारत में आई सीमा हैदर और उसके कथित पति सचिन मीणा को हिरासत में ले लिया गया है। यह गिरफ्तारी नहीं है। यह कार्रवाई उप्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने की है, क्योंकि उसके कुछ प्राथमिक संदेह हैं, लिहाजा वह गहन सवाल-जवाब करना चाहता है। एटीएस के संदेह आतंकवाद से जुड़े हुए नहीं हैं, लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सीमा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट या जासूस मान कर चल रहे हैं। इन संदेहों के कई बुनियादी कारण भी हैं। मसलन-पाकिस्तान की 27 वर्षीय सीमा अपने चार नाबालिग और छोटे-छोटे बच्चों समेत पहले शारजाह गई, वहां से नेपाल कैसे आई और अंततरू भारत में कैसे घुसी? सरहद पर बीएसएफ और स्थानीय पुलिस ने उसे क्यों नहीं पकड़ा? उनसे भी स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। सीमा के पास 4 मोबाइल फोन, 3 फर्जी पहचान-पत्र, 4 जन्म प्रमाण-पत्र, 4 पासपोर्ट बच्चों के, 2 पासपोर्ट खुद सीमा के और 5 वेक्सीनेशन सर्टिफिकेट आदि दस्तावेज कहां से आए, उसने क्यों बनवाए अथवा किसने उसकी मदद की? यदि वह सामान्य औरत है और इश्क में डूबी है, तो उसे इतने दस्तावेजों की जरूरत ही क्या थी? इन सवालों के अलावा, एटीएस, पुलिस, गुप्तचर ब्यूरो सरीखी जांच एजेंसियों के सामने यह अहम सवाल भी है कि सीमा को उप्र के ग्रेटर नोएडा आने के बाद पाकिस्तान में 30 से अधिक हिंदू औरतें क्यों लापता कर दी गई हैं और वे कहां हैं? पाकिस्तान की हुकूमत स्पष्ट करे। कराची के हिंदू मंदिर पर रॉकेट लॉन्चर से हमला क्यों किया गया है? वैसे पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले होते रहे हैं। उन्हें धर्मांतरण के लिए भी विवश किया जाता रहा है, लेकिन चिंता की बात यह है कि पाकिस्तान में हिंदू औरतों को मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
कुछ नकाबपोश हाथों में हथियार लेकर यह धमकी भी दे रहे हैं कि यदि सीमा हैदर को पाकिस्तान वापस भेजा गया, तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। सवालिया यह भी है कि उन बदमाशों ने बाकायदा वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल भी किया है। कुछ लोग ‘बेवफा’ सीमा को सरेआम चौराहे पर फांसी देने की भी मांग कर रहे हैं। उसका सार्वजनिक और सामाजिक चरित्र-हनन भी किया जा रहा है। इन धमकियों की प्रतिक्रिया में भारत के कुछ हिंदूवादी संगठनों ने सरकार को चेता दिया है कि यदि 72 घंटों में सीमा को सीमापार नहीं भेजा गया, तो फिर आंदोलन छेड़ा जाएगा। बेशक यह मुहब्बत की ऐसी दास्तां हो सकती है, जिसने सरहदों की परवाह नहीं की, लेकिन उसकी खातिर राष्ट्रीय सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उप्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह का मानना है कि आज एक सीमा और 4 बच्चे अवैध तरीके से भारत में घुसे हैं। कल 50 सीमाएं और सैकड़ों बच्चे देश में घुसपैठ कर सकते हैं। यह अपराध का मामला है, भावुक होने की जरूरत नहीं है। कल बच्चों के मानवाधिकार का मुद्दा वैश्विक स्तर पर उठाया जा सकता है। उसका जवाब देने में भारत सरकार सक्षम है। हम बांग्लादेश और म्यांमार से जारी अवैध घुसपैठ को रोक नहीं पाए हैं। सीमापार और पाकपरस्त आतंकवाद भी घुसपैठ के जरिए चलाया जा रहा है। यदि एक और समस्या पाल लेंगे, तो देश के लिए खतरनाक हो सकता है। दरअसल एटीएस और आईबी की जांच-पड़ताल का फोकस यह है कि क्या सीमा आईएसआई की जासूस है? वह सिर्फ 5वीं पास है, लेकिन अंग्रेजी भाषा को बखूबी जानती, समझती और बोल लेती है। उसने यह प्रशिक्षण कहां और कब हासिल किया? एजेंसियां पाकिस्तान से भारत में आने का रूट भी खंगालना चाहती हैं। सीमा के मददगारों तक पहुंचने की कोशिश करना चाहती हैं। सीमा और सचिन के संबंधों की पृष्ठभूमि और हकीकत तक भी पहुंचना चाहती है । सीमा अब ग्रेटर नोएडा में हिंदू बनकर सचिन के घर में रह रही है। बहरहाल सच तक पहुंचना तो जरूरी है ।