बारिश के पानी में सड़कें बनी नदियां, फंसे वाहन लगा जाम

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गली-मोहल्ले और बाजारों में पानी ही पानी
देहरादून। जिधर देखो पानी ही पानी कहां-कहां सड़क है और कहां नाली, कहां खेत है और कहंा खलियान, कहां गटर है और कहां गड्ढा कुछ भी पता लगना मुश्किल। दून वासियों ने शायद इससे पहले कभी अपने शहर को पानी में तैरते कभी नहीं देखा होगा। अपने स्मार्ट सिटी को देखकर ऐसा लगता है कि मानो किसी सरोवर में कोई शहर तैर रहा हो।
मौसम विभाग द्वारा बीते कल ही सूबे के 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था, जिसमें दून भी शामिल था। मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी सच साबित हुई तो स्मार्ट सिटी का हाल कुछ ऐसा हुआ कि शहर की सड़कें नदियां बन गई। गलीकृमोहल्ले और बाजारों में पानी ही पानी हो गया और लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया तथा जो लोग बाहर निकले उनका क्या हाल हुआ? वह हैरान करने वाला था। शहर में सड़कों पर जगह-जगह वाहन फंस गए और जाम लग गया। रिस्पना पुल के पास कई कार पानी में डूब गई और पानी भरने से बंद हो गई जिन्हें बाहर निकालने के लिए क्रेन बुलानी पड़ी। 2 घंटे तक रास्ता जाम रहा और झमाझम बारिश के बीच लोग जाम में फंसे रहे।
यह हाल किसी एक जगह का नहीं रहा बात चाहे घंटाघर की हो या फिर आईएसबीटी की, डालनवाला की हो या रायपुर की अथवा पलटन बाजार की, हर जगह जलभराव और जलजमाव की स्थिति से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राज्यपाल गुरमीत सिंह आज एक स्कूल हॉस्टल के उद्घाटन कार्यक्रम में गए तो यहंा स्थिति ऐसी देखने को मिली कि पूरा कार्यक्रम स्थल जलमग्न हो गया। जिस मंच पर राज्यपाल मौजूद थे वहां मंच के नीचे एक फिट पानी भरा था और जहां सुनने के लिए लोग बैठे वहां भी पानी भरा हुआ था।
पूरे शहर में वाटर लॉकिंग कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि पूरा शहर जलमग्न हो गया। नगर निगम द्वारा नालियों की सफाई व्यवस्था के नाम पर जो खानापूर्ति की गई उसका नतीजा यह रहा है कि हर गलीकृमोहल्ले और बाजार में पानी ही पानी हो गया। किसी के घर में पानी घुस गया तो किसी की दुकान में पानी घुस गया।
बीते 5 सालों से दून को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर जो कुछ किया गया उससे ऐसा लगता है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर 14 सौ करोड़ रुपए पानी में बहा दिए गए हैं। कहा जा रहा था कि बरसात शुरू होने से पहले दून की सड़कें चकाचक हो जाएगी लेकिन इन सड़कों की हालत अब ऐसी हो गई है कि इन पर चलना भी मुश्किल हो गया है। मानसूनी दौर की शुरुआत में अगर स्मार्ट सिटी के हालात ऐसे हैं तो आगे क्या होगा? यह सोचकर दून वासियों का परेशान होना स्वाभाविक है।