हरिद्वार। आदिपुरुष फिल्म को लेकर हरिद्वार का संत समाज नाराज है। उनके द्वारा फिल्म पर रोक लगाने की मांग की गई है। उन्घ्होंने फिल्म सेंसर बोर्ड पर कार्रवाई की मांग भी की है। संतों का कहना है कि पिछले काफी समय से फिल्मों के जरिए सनातन पर प्रहार किया जा रहा है और हमारी धार्मिक विरासत को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फिल्म में भगवान राम और हनुमान के साथ-साथ माता सीता के चरित्र को भी गलत तरह से प्रस्तुत किया गया है। यहां तक कि फिल्म के डायलॉग भी असभ्य भाषा में प्रस्तुत किए गए हैं जो कि भगवान राम-सीता और हनुमान के चरित्र से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते।
महामंडलेश्वर प्रबोध आनंद गिरि ने आरोप लगाया कि इन्हें देखकर प्रतीत होता है कि फिल्म के जरिए रामायण के साथ-साथ भगवान राम, सीता और हनुमान के चरित्र को ठेस पहुंचाने की नियत प्रस्तुत की गई है। कहा की फिल्म सेंसर बोर्ड इस तरह की फिल्मों को तो तत्काल पास कर देता है जबकि अन्य धर्म की फिल्म पर उसका आचरण कुछ और ही होता है।आरोप लगाया कि इससे पता चलता है कि फिल्म सेंसर बोर्ड में भी सनातन विरोधी मानसिकता के लोग भरे हुए हैं जो कि हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं। घ्उन्होंने स्पष्ट किया कि फिल्म पर रोक के अलावा और कोई बात नहीं होगी। कहा जा रहा है कि डायलॉग बदलकर फिल्म को प्रस्तुत किया जाएगा, वह भी गलत है। घ्उन्घ्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन तत्काल प्रभाव से रोक देना चाहिए और फिल्म बनाने वाले, डायलॉग लिखने वाले और सेंसर बोर्ड के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।