उत्तराखण्डधर्म-संस्कृति

स्वयं के आचरण का आंकलन करो: निर्भय सागर  

आचार्य का जैन भवन पहुंचने पर किया गया स्वागत

देहरादून। आचार्य निर्भय सागर जी महाराज का ससंघ विहार श्री महावीर गौशाला से कुआं वाला से दिगंबर जैन भवन एवं पंचायती मंदिर के लिए  दो पहिया वाहन पर जैन धर्म का ध्वज लगाकर भारी संख्या में उनके जयकारे लगाते हुए भजन गाते हुए उनको जैन भवन गांधी रोड पर पहुंचे। इस अवसर पर जैन समाज के सभी भक्तजनों ने आचार्य श्री का प्रक्षालन किया।

गांधी रोड स्थित जैन मंदिर में गणधर विलय विधान में विज्ञानी संत आचार्य श्री 108 निर्भय सागर जी महाराज ससंघ ने मंगल प्रवचन में कहा कि अपने आपको अंदर तक झांकना है तो मंदिर में जाकर भगवान की प्रतिमा को देखो। प्रतिमा को देखकर स्वयं के आचरण का आंकलन करो और समझो तो निःसंदेह मन के साथ आत्मा का भी उजियारा हो जाएगा। आचार्य  ने कहा कि जैसा उद्देश्य होता उसे वैसा ही फल मिलता है, हाथ में जब चाकू मारने के लिए उठाया जाता है तो उसे पाप फल मिलता है, वही जब कोई चाकू आपरेशन के लिए उठाया जाता है तो उसे पुण्यफल मिलता है। उन्होने कहा कि मानव जिस स्थान पर रह रहा है वह घर को सजाने संवारे में दिन रात लगा रहता है।। इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज के महामंत्री राजेश जैन,जैन भवन के मंत्री संदीप जैन, उत्तराखंड जैन समाज के अध्यक्ष सुखमाल चंद जैन,जैन मिलन के क्षेत्रीय मंत्री डॉक्टर संजय जैन, रचना जैन सुकुमार जैन सिम्मी आदि लोग मौजूद रहे।

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