अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुईं खाद्य मंत्री रेखा आर्या
देहरादून। प्रदेश की खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने वैज्ञानिकों से युवाओं को जंग फूड का विकल्प देने का आह्वान किया। कैबिनेट मंत्री एक निजी संस्थान में न्यूट्रास्युटिकल एंड फंक्शनल फूड पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहीं थीं। रेखा आर्या ने कहा कि मोटा अनाज परम्परागत रूप से हमारे खानपान में शामिल रहा है। बाजरा, मंडवा, झंगोरा, कोट्टू, चीना, कंगनी ऐसे ही अनाज हैं। कोविड-19 के समय दुनिया के उन देशों में ज्यादा जनहानि हुई है, जहां जीवनशैली और खानपान की आदतें प्रकृति से जुड़ी नहीं हैं। मोटे अनाज को थाली से जोड़ना मन और मस्तिष्क के लिए बहुत जरूरी है। यह एक पुराना सिद्धांत है कि जो आप खाते हैं, वही आप होते हैं। इस सिद्धांत को जीवन में उतारा जाए, तो मन, मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ रहेंगे। खाद्य मंत्री ने कहा कि मोटापा एक बड़ी समस्या है और इसका सबसे बड़ा कारण फास्ट फूड है। उन्होंने वैज्ञानिकों को फास्ट फूड से युवाओं को बचाने के लिए इसका विकल्प देने का आह्वान किया। साथ ही इस दिशा में जागरुकता लाने और शोध को बढ़ावा देने के ग्राफिक एरा के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर प्रबंधक रिसैला ग्रुप राम शर्मा, प्रोफेसर निसिनारी (जापान), प्रोफेसर श्रीदेवी अन्नपूर्णा,चैयरमेन विश्वविद्यालय कमल घनशाला, वाईस चांसलर नरपिंदर सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।