वैदिक साधन आश्रम का ग्रीष्मोत्सव सौल्लास संपन्न
युवाओ को अपनी संस्कृति से जोड़े: अनिल आर्य
देहरादून। रविवार को आर्यों के तीर्थ स्थल वैदिक साधन आश्रम का ग्रीष्मकालीन उत्सव हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। आचार्य सोमदेव शास्त्री महायज्ञ के ब्रह्मा रहे उन्होंने महाभारत का कथानक सुनाते हुए कहा कि युधिष्ठिर ने भीष्म पितामह से पूछा कि आर्य किसे कहते हैं? भीष्म पितामह ने कहा कि ज्ञानी, जोड़ने वाला, संतुष्ट, सत्यवादी, जितेंद्रीय, संवेदनशील संवाद, दयालु, कोमल स्वभाव वाले व्यक्ति को आर्य कहते हैं। भजनोपदेशक राजेश प्रेमी जालंधर, रामचंद्र स्नेही राजस्थान, पिंकी आर्या, प्रवीण आर्या एवं गुरुकुल पौधा के ब्रह्मचारियों के भजन हुए। मंच का कुशल संचालन कर रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कि अपने बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़े क्योंकि जमीन से जुड़ा व्यक्ति सुरक्षित रहता है। उन्होंने देश की वर्तमान परिस्थितियों पर चिंता व्यक्त करते हुए आर्य समाज को इसको चुनौती के रूप में स्वीकार करने पर जोर दिया। मुख्य अतिथि गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार के कुलपति रूप किशोर शास्त्री ने आश्रम की गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वेद के संदेश को घर घर पहुंचाएं। वेद प्राचीन वैज्ञानिक ज्ञान है उन्होंने स्वाध्याए करने बुराइयों को छोड़ने पर बल दिया। स्वामी चितेशवरा नंद जी ने योग साधना करवायी। आचार्य धनंजय गुरुकुल पौंधा ने सकारात्मक विचार बनाने पर बल दिया तभी आप सफलता को प्राप्त करेंगे उन्होंने वेदों की ओर लौटने का भी संदेश दिया। आचार्य उमाशंकर कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज हमारी वैदिक संस्कृति पर चारों ओर से कुठाराघात हो रहे हैं अगर आर्य समाज में शस्त्र और शास्त्र के साथ-साथ कार्यक्रमों को नहीं चलाया तो कल्याण नहीं होगा। गोविंद सिंह भंडारी ने कहा जेवर वाले हवाई अड्डे का नाम स्वामी दयानंद के नाम से रखने का प्रस्ताव हम आदरणीय योगी और मोदी को भेजेंगे। आश्रम के प्रधान विजय कुमार आर्य व मंत्री प्रेम प्रकाश आर्य ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर वैदिक विद्वान आनन्द सुमन, प.सूरतराम शर्मा, आचार्य सरिता आचार्य अन्नपूर्णा, मीनाक्षी पवार, रमेश चंद स्नेही आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर विनेश आहूजा, अशोक वर्मा, प्रवीण आर्य, अरुण आर्य, डॉ आनंद सुमन सिंह, गोविंद सिंह भंडारी, शत्रु धन मौर्य आदि उपस्थित थे।