उत्तराखण्डजनसुनवाई

उत्तराखंड के ग्राम प्रधान के पत्र का पीएम ने दिया जवाब

वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम से सीमावर्ती गांवों को मिल रही नई पहचान

कहा इन गांवों को लेकर बदल रहा लोगों का नजरिया
 
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश के सीमावर्ती गांवों को लेकर अब देशवासियों के नजरिए में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। उत्तराखण्ड के उपला टकनौर क्षेत्र को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल किए जाने पर जसपुर गांव के प्रधान हरीश राणा के पत्र का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की अत्यंत खुशी है कि आज के बदलते परिदृश्य में सीमावर्ती गांवों को लेकर देश के लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। आज देशवासी इन गांवों को देश का अंतिम गांव नहीं बल्कि, देश के पहले गांव के रूप में पहचानने लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने पत्र में आगे कहा कि सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण ये गांव और यहां के लोग देश के सशक्त प्रहरी हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों को उनकी वास्तविक पहचान दिलाने और व्यापक स्तर पर इन क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न स्तरों पर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने, आधारभूत ढांचों के विकास, पर्यटन को बढ़ावा देने, पलायन रोकने, युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के जरिए इन गांवों के लोगों के रहन-सहन, खान-पान, हस्तशिल्प और लोक कला एवं संगीत को परस्पर जानने का भी अवसर मिलता है। इससे पहले जसपुर गांव के प्रधान ने पत्र लिखकर उपला टकनौर क्षेत्र को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल किए जाने पर गांववासियों की ओर से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा था कि चीन की सीमा से लगा यह गांव सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होंने गांव की महिलाओं द्वारा बनाई गई जैम और चटनी प्रधानमंत्री को भेंट स्वरूप भेजी थी। आपको बताते चलें कि उपला टकनौर सेब और राजमा की पैदावार के लिए प्रसिद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को खाद्य प्रसंस्करण से जोड़ने, बेहतर पैकेजिंग, स्टोरेज, लॉजिस्टिक आदि सुविधाओं के जरिए स्थानीय उत्पाद आज देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि घर-घर में तैयार किए जा रहे उत्पाद इस बात का उदाहरण हैं कि किस तरह भारत आज जमीनी स्तर पर सशक्त और आत्मनिर्भर बन रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने चिट्ठी में विश्वास जताया है कि जिस तरह जन-समर्थन और जन-भागीदारी से देश में अब तक विभिन्न योजनाओं को बड़ी सफलता मिली है उसी तरह स्थानीय लोगों के सहयोग से वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम को भी व्यापक सफलता मिलेगी।

Related Articles

Back to top button