चेक पोस्टों पर जाम से मिलेगी निजात: पुष्कर सिंह धामी

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मुख्यमंत्री ने किया ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (एएनपीआर) का शुभारंभ

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय से परिवहन विभाग की ओर से तैयार किए गए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (एएनपीआर) का शुभारंभ किया। इससे प्रदेश के प्रमुख मार्गों में यातायात के नियमों के अनुपालन एवं कर अपवंचन संबंधी प्रकरणों की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यातायात के नियमों के पालन एवं सड़क सुरक्षा की दृष्टि से यह एक अच्छी शुरूआत है। एएनपीआर कैमरे लगने से लोग यातायात के नियमों का पालन भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एएनपीआर कैमरे के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। इस कैमरे में अभी शुरूआती चरण में जो लोग यातायात के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनको चेतावनी के एसएमएस भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एएनपीआर कैमरे लगाने की जहां भी आवश्यकता पड़ रही है, स्थानों का चयन कर वहां इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि एएनपीआर कैमरे  लगने से जीएसटी एवं अन्य विभागों को भी मदद मिलेगी व कर चोरी की रोकथाम भी इससे संभव होगी। इससे जहां चेक पोस्टों पर जाम से निजात मिलेगी, आवागमन भी सरल होगा। इस व्यवस्था के प्रारम्भ होने से वाहन दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी। सचिव परिवहन ने जानकारी दी कि योजना के अंतर्गत एएनपीआर पोर्टल से प्राप्त डाटा को जीएसटी विभाग को उपलब्ध कराने के लिए इंटीग्रेशन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है, जबकि अन्य विभागों खनन, आबकारी, पर्यटन, शहरी विकास, वन विभाग तथा पुलिस के साथ इंटीग्रेशन किया जाना भी प्रस्तावित है। इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, आयुक्त राज्य कर डॉ. अहमद इकबाल, निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल एवं सबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

राज्य की सीमाओं पर एएनपीआर होंगे स्थापित: ह्यांकी

सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि मोटर यान अधिनियम, 1988 में संशोधन करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। राज्य की सीमा पर स्थापित सभी चैक पोस्टों को समाप्त कर दिया गया है। राज्य में इलैक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू करने के लिए प्रथम चरण में राज्य की सीमा पर एएनपीआर स्थापित करने की योजना बनाई गई जिसके लिए राज्य सड़क सुरक्षा कोष से 4.61 करोड़ रूपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।