देहरादून। भारत की ऊर्जा महारत्न ऑयल एण्ड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) के नवी मुंबई स्थित ऊरन प्लांट ने नैनो-फ्लूड्स के इस्तेमाल द्वारा आधुनिक गैस स्वीटनिंग प्रक्रिया के विकास के लिए आईआईटी-बॉम्बे के साथ एक अनुसंधान एवं विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना के तहत गैस स्वीटनिंग युनिट के एमीन सोल्वेन्ट में नैनो-फ्लूड्स का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे अवशोषण के लिए आवश्यक सोल्युशन की मात्रा कम हो जाएगी। परिणामस्वरूप सामग्री और भाप दोनों की अच्छी बचत होगी। ओएनजीसी के ऊरन प्लांट के लिए गैस स्वीटनिंग प्रक्रिया महत्वपूर्ण है, जो अरब सागर से नैचुरल गैस प्राप्त करता है। अपनी शुरूआत से ही ऊरन प्लांट नई एवं आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए प्रयासरत रहा है। इन्हीं प्रयासों को जारी रखते हुए आईआईटी-बॉम्बे के साथ यह साझेदारी की गई है जो आर एण्ड डी में विशेषज्ञ है।
प्रारूपिक प्रक्रिया में गैस स्वीटनिंग युनिट में नैचुरल गैस की स्वीटनिंग की जाती है, इसके बाद ही इसे एलपीजी युनिट को भेजा जाता है। इस प्रक्रिया में टर्शरी एमीन सोल्वेन्ट नैचुरल गैस के साथ रसायनिक क्रिया करता है, जिसमें बड़ी मात्रा में ऊर्जा की खपत होती है। ओएनजीसी-आईआईटीबी की यह साझेदारी एर्ब्जाप्शन और डीर्जाप्शन पर प्रयोग करने का असर देगी, जिससे ऊर्जा की खपत में कमी आएगी। साथ ही सामग्री और भाप की बचत भी होगी, ऐसे में प्लांट का संचालन लागत प्रभावी हो जाएगा। यह परियोजना गैस स्वीटनिंग प्रक्रिया में नए इनोवेशन्स प्रस्तुत करेगी, जिससे राष्ट्रीय ऊर्जा उद्योग को लाभ होगा।