चार धाम यात्रा में प्लास्टिक कूड़े का हो रहा है निपटान 

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रिसाइकल को अपनाई जा रही है डिजिटल डीआरएस प्रणाली

देहरादून। चारधाम यात्रा के समय बड़ी संख्या में भारत और बाहरी देशों के नागरीक गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ आते हैं।  इस समय प्लास्टिक कूड़े का निस्तारण करना मुश्किल हो जाता है।  रुद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी जिला प्रशासनों के सहयोग से रिसाइकल ने डिजिटल डिपाजिट रिफंड सिस्टम (डीआरएस) के द्वारा इस समस्या का समाधान करते हुए हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूठी पहल उठायी है।  इस प्रणाली के तहत, यात्रा मार्ग की दुकानों में प्लास्टिक बोतलें, रैपर व थैलियां आदि पे क्यूआर कोड्स चिपकाएं हैं। इस प्रणाली के तहत यात्री को खरीददारी के समय मात्र 10 रूपए  रिफंडेबल ग्रीन डिपाजिट के रूप में दुकानदार के पास जमा करने होंगे। रिसाइकल ने जगह जगह पर प्लास्टिक संकलन केंद्र बनाएं हैं जहा यात्री खाली प्लास्टिक सामान लौटाकर उनके द्वारा जमा किया हुआ पूरा डिपाजिट वापिस पा सकते हैं।

इस अनूठी कूड़ा निस्तारण प्रणाली के जरिए प्लास्टिक कूड़े को लेकर तीर्थयात्रियों के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए रुद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी जिला प्रशासन के प्रयास जारी है। पिछले साल केदारनाथ में रिफंड प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया था जिसके जरिये तकरीबन 1 लाख 63 हजार प्लास्टिक बोतलों को रिसाइक्लिंग केंद्र में भेजा गया था। इस साल चारों तीर्थों में मिलाकर तक़रीबन 45 लाख क्यूआर कोड्स वितरित किए जा रहे हैं।

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि बेस कैंप से लेकर ऊपरी छोर तक रिसाइकल की इस डिजिटल डिपाजिट रिफंड प्रणाली का हमने इस्तेमाल किया। इसके जरिए केदारनाथ में जमा होने वाले प्लास्टिक कूड़े का निपटान करने में हम कामयाब हो गए।  उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने इस प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि रिसाइकल की डिजिटल डिपाजिट रिफंड प्रणाली को हमने उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा मार्ग में लागू किया है।  इस पहल के जरिए हम इन पवित्र तीर्थों में प्लास्टिक कूड़े का उचित व्यवस्थापन करने में कामयाब होंगे।  रिसाइकल के संस्थापक और सीईओ अभय देशपांडे ने कहा कि  हमारे स्मार्ट तकनीकी सोल्यूशन्स के जरिए लोगों में प्लास्टिक कूड़े को लेकर जागरूकता निर्माण करने में हम सफल हुए।  केदारनाथ में पिछले साल हमने इस प्रणाली को स्थानिक प्रशासन, दुकानदारों और लोगों की मदद से लागू किया था जिसे डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 के रूप में भारत सरकार की सराहना भी मिली। इस साल चारों धामों में इस प्रणाली को हम उत्तराखंड सरकार की मदद से लागू कर चुके हैं।  रिसाइक्लिंग को सुलभ, सुगम और लाभप्रद करने के लिए रिसायकल प्रतिबद्ध है।