वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों पर देना होगा ध्यानः डा. धन सिंह रावत

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कैबिनेट मंत्री ने किया ‘समक्ष-2023’ अभियान का शुभारम्भ

देहरादून। पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संकट से निपटने के लिये परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों को छोड़कर वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों को विकसित करने की आवश्यकता है। तभी हम वर्ष 2050 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल कर सकेंगे। इसलिए यह समय की मांग है कि वैकल्पिक ऊर्जा के विकास व संरक्षण पर अनुसंधान हो। इस महत्वपूर्ण पहल में आम नागरिकों को शामिल कर उन्हें भी ऊर्जा के स्वच्छ और हरित रूपों को अपनाने के लिये जागरूक करना होगा।

यह बात कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इंडियन ऑयल कार्पोरेशन की ओर से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैट्रोलियम में आयोजित सक्षम-2023 अभियान के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही। अभियान के शुभारम्भ अवसर पर डा. रावत ने ऊर्जा संरक्षण-नेट जीरो की ओर विषय को रेखांकित करते हुये कहा कि यह दौर परम्परागत ऊर्जा पर निर्भरता खत्म कर वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों को और विकसित करने का है ताकि आने वाले समय में देश ऊर्जा संकट से आसानी से निपट सके। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संकट से बचने के लिये यह बेहद जरूरी है। कैबिनेट मंत्री डा. रावत ने कहा कि बढ़ती आबादी के कारण देशभर में ऊर्जा की मांग बढ़ती जा रही है, जिस कारण पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों का बड़े पैमाने पर दोहन हो रहा है, जो कि हमारे पास बहुत सीमित हैं। इसके लिये हमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पनबिजली ऊर्जा आदि क्षेत्रों में काम कर ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना होगा। इस अवसर पर डा. रावत ने तेल एवं गैस उद्योग के अधिकारी, डीलर एवं वितरक, उद्योग के प्रतिनिधि, गैर सरकारी संगठन एवं छात्र-छात्राओं को पेट्रोलियम संरक्षण की शपथ दिलाई।  इस अवसर पर आईआईपी के निदेशक अंजन रे ने वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं डॉ. सुनील पाठक ने कई नई पहलों की जानकारी दी थी। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के मंडल रिटेल सेल्स प्रमुख  प्रभात कुमार वर्मा ने सक्षम-2023 के एजेंडे और उत्तराखंड में की जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सक्षम-2023 अभियान प्रदेशभर में 8 मई तक चलाया जाएगा। इस अवसर छात्रों की ओर से वाकॉथान भी किया गया। इस अवसर पर बीपीसीएल के टीएम निशांत कुमार, एचपीसीएल के डीजीएम दीपक कौशिक सहित विभिन्न उद्योगों एवं एनजीओ के प्रतिनिधि, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के डीलर एवं वितरक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।