उत्तराखण्डकानून व्यवस्था

साइबर क्राइम थाना पुलिस ने राष्ट्रीय गिरोह का किया पर्दाफाश

गोल्ड व्यवसाय में निवेश का लालच देकर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले दबोचे

चाईनीज आधारित 80 करोड़ के घोटाले में हुई कार्रवाई

हांगकांग व सिंगापुर से पाया गया कनेक्शन

देहरादून। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ता दीपक कुमार की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनके साथ अज्ञात आरोपियों ने कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर स्वंय को भारतीय कंपनी से बताते हुए विभिन्न नंबरों से वट्सअप के माध्यम से संपर्क कर सुनियोजित तरीके से ऑनलाईन गोल्ड व्यवसाय में इन्वेस्ट कर लाभ कमाने का लालच देकर लगभग 22 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी की गई है जिस पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर धारा 420, 468,120बी व 66(डी) आईटी एक्ट का केस दर्ज किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला सौंपी गयी। जिस पर एक टीम गठित कर प्रकरण के अनावरण के लिए निर्देश दिये गए। पुलिस टीम द्वारा तकनीकी विश्लेषण कर प्रकरण में वेबसाइट निर्माता, बैंक खाता संचालक, हवाला परिचालन आदि से संबंधित विवरणों की जानकारी की गई जिससे इस मामले में टीम को कुछ जरूरी सबूत मिले और एक मास्टरमाइंड के बारे में पता चला जो बैंक खाता खोलने में अहम भूमिका निभाता था। जिसके आधार पर आरोपी प्रवीन रामचंद्र निवासी लातूर को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य गोल्ड ट्रेडिंग ऐप में निवेश के नाम पर लोगों को लगातार लुभाते रहते है। मामले में आरोपी से पूछताछ पर जानकारी हुई कि हम लोग शुरुआत में गोल्ड निवेश के नाम पर ठगे जाने वाले व्यक्ति को कुछ छोटा निवेश करने पर उसे अच्छे लाभ के साथ धनराशि पहले वापस करते है, जिससे वह व्यक्ति इस कंपनी में बड़ी धनराशि निवेश करने के लिए लालच में आ जाता है। इसके पश्चात् उस व्यक्ति को वॉट्सऐप के जरिए बताया जाता कि अब पैसा नहीं निकाला जा सकता और ज्यादा निवेश करना होगा इस पर पीड़ित व्यक्ति हम लोगों के झांसे में आ जाता था और उससे हम लोग अच्छी खासी रकम हड़प लेते थे। संदिग्ध गिरफ्तार व्यक्ति के खाते में 1 महीने में पुरे भारत वर्ष से अलग-अलग लोगों से कई करोड़ो रूपये प्राप्त किए जाने की जानकारी मिली है। पकडे गए आरोपी द्वारा अपने गिरोह के सदस्यों के साथ 5 करोड़ की राशि को ठिकाने लगाने में मदद की गई है। इस गिरोह के तार हांगकांग एवं सिंगापुर तक जुड़े होने के जानकारी प्राप्त हो रही है, जिन पर आगे विवेचना की जा रही है।

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