देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी मे पिछले लम्बे समय से सिटी बस चालक सुप्रीम कोर्ट के आदेशो की सरेआम धज्जियां उडा रहे हैं। ध्वनी प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश है कि शहर की सडको पर तेज ध्वनी के हार्न कतई नही बजाये जा सकते मगर ये सिटी बसें अपना प्रेशर हार्न दूर दराज की तो छोडिये सर्वे चौक प्रिन्स चौक जैसे व्यस्त चौक पर सीपीयू और ट्रेफिक पुलिस की मौजूदगी मे भी धडल्ले से बजाते हुए नियमो का उलंघन करने से बाज नही आते, ऐसा नही कि शहर भर मे तैनात पुलिस को इन नियम कायदो की जानकारी नही है मगर फिर भी राजधानी की सिटी बसे इन आदेशो को ठेंगे पर रख कर भीड़ भाड़ वाली सडको और रिहायशी क्षेत्रो मे बे रोकटोक तेज आवाज वाले प्रेशर हार्न बजा कर लोगो के सुख चैन को छीन रही है इन प्रेशर हॉर्न की आवाज तय सीमा से करीब सौ गुणा ज्यादा होने के बावजूद सम्बंधित विभागो की चुप्पी शहरवासियो के गले नही उतर रही है गौरतलब है कि जल्दी ही बच्चो के बोर्ड पेपर होने वाले है और इन खतरनाक ध्वनी प्रदूषण वाले प्रेशर हॉर्नो के चलते छात्र-छात्राएं एकाग्र मन से पढाई मे बाधक बन रहे है वही मरीज भी इन तेज आवाज वाले हॉर्न के चलते विभिन्न परेशानियो का सामना कर रहे है अब देखना ये है कि परिवहन विभाग और यातायात पुलिस इस खबर का संज्ञान लेकर धरातल पर उतर कर कोई ठोस कार्यवाही अमल मे लाती है। और लोगो के सीने पर सीट बैल्ट और दुपहिया चालको के सर पर हैलमेट लगवा चुकी पुलिस आखिर किस दबाव मे इन सिटी बसो से प्रेशर हार्न उतरवाने मे नाकाम हो रही है अब देखना ये है कि यातायात पुलिस और परिवहन विभाग कब इन बसों को प्रेशर हॉर्न विहीन कर के आम लोगो के सुख चैन को लौटा पाता है या इन बस मालिको के सामने नतमस्तक होकर मौन रहता है।