चारधाम यात्रा व्यवस्था संचालन को आपसी समन्वय जरूरी: सिंह

0
207

राज्यपाल ने तैयारियों के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था की पहचान है। यात्रा को सहज, सुगम और व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए विभागों सहित सभी हितधारकों का आपसी समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहे कि वह प्रत्येक यात्री यहां से संतुष्ट होकर जाएं।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को राजभवन में उत्तराखंड चारधाम यात्रा की तैयारियों के संबंध में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, संबंधित अन्य अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से मौजूद रहे।

राज्यपाल ने कहा कि विगत वर्षों के अनुभवों से सीख लेते हुए हमें इस वर्ष उन चुनौतियों से निबटने का प्लान तैयार किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर विभाग को अपने फर्स्ट रिस्पांडर यानी यात्रियों तथा आमजन के संपर्क में सबसे पहले आने वाले कार्मिकों को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षित करना चाहिए। यही फर्स्ट रिस्पांडर यात्रियों की सहायता करते हैं और सफल यात्रा संचालन में इनका बड़ा योगदान होता है। इसके साथ-साथ नई तकनीकी जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, मोबाइल एप आदि के माध्यम से यात्रियों को सुविधाएं दी जाएं। राज्यपाल ने इस दौरान चारधाम यात्रा में विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों जिनमें पर्यटन विभाग, लोक निर्माण, पुलिस, परिवहन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, चिकित्सा, शहरी विकास, पेयजल, आपदा प्रबंधन, नागरिक उड्डयन, पशुपालन सहित अन्य विभागों की वर्तमान तक की तैयारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बैठक में सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि यात्रा के दौरान लगभग 1600 बसों को चिन्हित किया गया है, इसके अलावा 300 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की जा रही है। यात्रा मार्ग पर चलने वाले सभी वाहनों को फिटनेस ग्रीन कार्ड जारी किये जा रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर.राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्गों में हेल्थ एटीएम स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें 72 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध रहेंगी। अपर सचिव नागरिक उड्डयन विभाग सी.रविशंकर ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए 9 ऑपरेटर्स की हैली सेवाएं ली जा रही हैं जिनकी दरें निश्चित कर ली गई हैं। प्रबंध निदेशक जीएमवीएन विनोद गिरी गोस्वामी ने बताया कि जीएमवीएन की ओर से अस्थाई टेंट कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव नितेश कुमार झा, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव दिलीप जावलकर, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ.वी मुरूगेशन, आईजी गढ़वाल केएस नागन्याल, अपर सचिव नितिन सिंह भदौरिया, निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे सहित मौजूद रहे।