उत्तराखण्ड

आंदोलनकारी 10% क्षैतिज आरक्षण में की जा रही देरी की धीरेंद्र प्रताप ने की आलोचना

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियो को प्रस्तावित 10% क्षैतीज आरक्षण में की जा रही देरी पर राज्य सरकार की आलोचना की है। वीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि यद्यपि हाल के विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने काबीना बैठक कर 10% आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया था परंतु बजाय इसके कि इस को राज्य विधानसभा से पास कराकर सारी औपचारिकताएं पूरी की जाती और राज्यपाल के इस पर हस्ताक्षर कराए जाते ।सरकार ने इस को ठंडे बस्ते में डालना उचित समझा । उन्होंने कहा 10% आरक्षण को लेकर लीपापोती की जा रही है और यह कहा जा रहा है कि न्याय विभाग से इस मामले में राय ली जा रही है । उन्होंने कहा यदि न्याय विभाग से राय ही लेनी थी तो फिर काबीना बैठक का औचित्यही क्या था?
उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया है कि इस मामले में गंभीरता दिखाए और जल्द से जल्द अध्यादेश जारी कर इसको एक कानून रूप देने की कोशिश करें और इसके बाद राज्यपाल के इस पर हस्ताक्षर कराकर राज्य आंदोलनकारियों की लंबे समय से लटकी हुई इस मांग का समापन करें।

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