क्षेत्रीय रेंज का प्रभार न देने का शुरू हुआ विरोध

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उत्तराखंड वन क्षेत्राधिकारी संघ ने दी हाईकोर्ट जाने की चेतावनी

देहरादून। वन मुख्यालय में उत्तराखंड वन क्षेत्राधिकारी संघ की प्रांतीय स्तर की अर्धवार्षिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में वन क्षेत्राधिकारी संघ बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य में डाली गई रिट याचिका में 22 दिसंबर 2022 एवं 23 मार्च 2023 को पारित निर्णय पर हर्ष व्यक्त करते हुए उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया गया। साथ ही राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड शासन एवं संघ के पूर्व पदाधिकारियों का भी उनके द्वारा समय-समय पर किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके कार्यों की प्रशंसा की गई। सभी पदाधिकारियों व सदस्यों ने यह भी कहा कि संघ एकजुट है एवं संघ के सदस्यों पर किए जा रहे विभिन्न देश भावना से प्रेरित कृतियों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग की ओर से विभिन्न वन क्षेत्राधिकारी और को अभी भी अनुशासनिक कार्रवाई, वृद्धावस्था एवं स्वास्थ्य की खराब स्थिति का हवाला देते हुए क्षेत्रीय रेंज का प्रभार देने से रोका जा रहा है। बैठक में मौजूद वन क्षेत्राधिकारी और ने एक स्वर में मुखर होकर कहा कि बिना किसी शासनादेश के वन क्षेत्राधिकारी यों को क्षेत्र रेंज का प्रभाव देने से वंचित करना उच्चाधिकारियों की तानाशाही को प्रदर्शित करता है यदि जल्द ही उच्च अधिकारी समस्त वन क्षेत्राधिकारी और से इच्छा पत्र लेकर उन्हें क्षेत्र रेंज में तैनाती नहीं देते हैं तो विवश होकर संघ को आंदोलन व उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि जब शासन की ओर से सेवंती की आयु 60 वर्ष की है तो किस आधार पर उन्हें रेंज से वंचित करने के लिए उच्च अधिकारी वृद्धावस्था का हवाला दे रहे हैं। साथ ही संघ की ओर से वन क्षेत्राधिकारी को राज्य वन सेवा का पद घोषित किए जाने सहायक वन संरक्षक के पदों को 180 किए जाने उप वन संरक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए पदोन्नति एवं सीधी भर्ती के पदों को 75:25 के अनुपात में भरे जाने की भी मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई। बैठक में राम सिंह बिष्ट, डॉ विनोद चौहान, नवीन सिंह पवार, विजय भट्ट, राजेंद्र नौटियाल, पूरन सिंह देउपा, महेंद्र सिंह रैकुनी, अमिता चौहान थपलियाल, दीक्षा भट्ट, प्रदीप कुमार पंत, आन सिंह कांदली, कन्हैयालाल बेलवाल, महेंद्र सिंह गुसाईं आदि मौजूद रहे।