कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा पर कांग्रेस के सवालों को बेबुनियाद और भ्रम फैलाने वाला करार दिया
देहरादून। भाजपा ने लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गयी कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा पर कांग्रेस के सवालों को बेबुनियाद और भ्रम फैलाने वाला करार दिया है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान ने कहा कि कांग्रेस अब पारदर्शी परीक्षा और नकल कानून के बाद बौखला गयी है। इसलिए वह प्रतियोगी परीक्षाओं के मुद्दे पर राजनीति और सवाल खड़ा करना जरूरी मान रही है। चैहान ने कहा कि परीक्षा को लेकर कांग्रेस के आरोपों मे दम नही है। चैहान ने कहा कि लोक सेवा आयोग भी परीक्षा को लेकर किसी भी तरह की भ्रांति का पटाक्षेप कर चुका है। उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र के सेट ।, ठ, ब्, क् में प्रश्नो का क्रमांक भिन्न भिन्न न होकर एक समान था। प्रश्नो का क्रमांक भी एक समान होने से परीक्षा की सुचिता पर किसी तरह का असर नही पड़ा। जब प्रश्न पत्र की सीरीज और प्रश्न के क्रमांक मे कोई अंतर नही है तो कांग्रेस जैसे जिम्मेदार दल का परीक्षा पर सवाल खड़ा करना नव युवकों के मनोबल के साथ खिलवाड़ करना है। भर्ती परीक्षाओं में जब पेपर लीक हुआ था तो चारो सेट के प्रश्न के क्रम अलग थे।आज एक क्रम में प्रश्न हैँ तब भी लीक नहीं हुआ। आयोग की यही उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नकल विहीन परीक्षा हजम नही हो पा रही है। कांग्रेस नहीं चाह रही की युवाओं को पारदर्शी परीक्षा सिस्टम मिले। इसीलिए अब जब धामी सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून बना कर पारदर्शी परीक्षा सिस्टम तैयार कर दिया है, तो कांग्रेस को इसमें भी परेशानी हो रही है। राज्य में किसी भी सेंटर में न नकल और न ही पेपर लीक का कोई मामला सामने आया है। यही कांग्रेस की असल परेशानी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस नकल का राग अलाप रही है। जबकि इसी कांग्रेस की राजस्थान में सरकार है, जो लगातार राजस्थान में परीक्षाओं में नकल को बढ़ावा देकर युवाओं के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। यदि कांग्रेस नकल विहीन परीक्षा को लेकर इतनी ही गंभीर है, तो क्यों राजस्थान में उत्तराखंड का सख्त नकल विरोधी कानून लागू नहीं किया जा रहा है। जबकि गुजरात, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्य धामी सरकार के सख्त नकल विरोधी कानून को अपना रहे हैं। राज्य मे देश का सबसे अधिक सख्त नकल कानून अस्तित्व मे है और इससे युवाओं के अलावा आम जन मे भी पारदर्शी परीक्षा को लेकर उत्साह है। धामी सरकार ने काल खंड के बजाय सभी परीक्षाओ की जांच की है और आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा और यही कांग्रेस की परेशानी की वजह है। हालांकि कांग्रेस को सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए बेरोजगारों के हित मे सहयोग का वतावरण तैयार करने मे आगे आना था। लेकिन वह नकारात्मक राजनीति और युवाओं के मनोबल को तोड़ने के लिए दुष्प्रचार कर रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।