उत्तराखण्ड

क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत तत्काल की जाए: महाराज

समीक्षा बैठक में पुनर्वास व मुआवजे पर कार्यवाही करने के दिए निर्देश

देहरादून। सिंचाई विभाग की क्षतिग्रस्त चलने योग्य नहरों की मरम्मत के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करते हुए बजट में प्राविधान कराते हुए शीघ्र चलाया जाए तथा आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल की कमी के मद्देनजर समस्त नहरों को चलाने के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए।

उक्त बात प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की शनिवार को यमुना कॉलोनी स्थित सिंचाई भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कही। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित स्त्रोतो तथा गदेरों में बहने वाले अतिरिक्त जल को संग्रहण करने के लिए टैंको का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे ग्रीष्मकाल में जल का उपयोग पेयजल के लिए किया जा सके। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद रूद्रप्रयाग में लस्तर नहर के निर्माण के लिए नवीन डीपीआर तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ किए जाने की कार्यवाही की जाए तथा नवीन डीपीआर में पूर्व में आपूर्ति लिए गए पाईपों का भी उपयोग किया जाए।  महाराज ने कहा कि जमरानी एवं सॉंग बांध परियोजना हेतु पुनर्वास किये जाने में पर्वतीय क्षेत्रों के संयुक्त खातों एवं बंटवारा न होने के संबंध में स्थिति साफ करने के बाद ही मुआवजे आदि पर कार्यवाही की जाए। समीक्षा बैठक में जीर्ण-शीर्ण तथा बंद नहरों को चलाए जाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करते हुए स्वीकृति के लिए प्रस्ताव शासन को तत्काल उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए। समीक्षा बैठक में संयुक्त सचिव जेएल शर्मा, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता जयपाल, लघु सिंचाई विभाग के एचओडी बीके तिवारी, पुनीत कुमार मल्ल, राजीव रंजन, आरके गुप्ता, आरके तिवारी, संजीव कुमार श्रीवास्तव, प्रशांत बिश्नोई, नवीन, सुभाष चंद्रा, डीसी सनवाल, पीके सिंह सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।

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