प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत लोन देने का लोगों को दे रहे थे झांसा
लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन, 6 पास बुक, 4 सिम कार्ड आदि बरामद
देहरादून। मुद्रा लोन योजना के तहत लोन देने का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले तीन शातिर आरोपियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों से लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन, 6 पास बुक, 04 सिम कार्ड इत्यादि समान बरामद किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली कि सहस्रधारा रोड में अमित बिहार कॉलोनी के एक मकान में कुछ युवक व युवतियां प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के बारे में लोगों को फोन पर योजना का लाभ देकर लोन लेने के लिए कह रहे हैं तथा उनसे इंश्योरेंस के तौर पर 2000 एवं रिफंडेबल के रूप में आरटीजीएस के तहत 5000 से लेकर 10,000 तक की मांग कर रहे हैं जिसके लिए क्यूआर कोड को व्हाट्सएप के माध्यम से भेज कर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। सूचना की तस्दीक करने के बाद एसटीएफ की टीम की ओर से पते पर छापा मारकर मौके से तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके कब्जे से एक लैपटॉप 13 मोबाइल फोन, 6 पासबुक, 4 सिम कार्ड व अन्य सामान बरामद किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान निशात शर्मा निवासी कुंवर सिंह नगर, नागलोई, दिल्ली, टुनटुन कुमार कुमार निवासी ग्राम बिरजूमिल्की थाना हरनौत नालंदा बिहार और मेघा शर्मा निवासी सुल्तानपुरी नागलोई दिल्ली के रूप में हुई।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि आरोपियों की ओर से फेसबुक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना तथा मुद्रा लोन के बारे में विज्ञापन को अपलोड किया जाता है, फिर फर्जी नंबर से लोगों को कॉल की जाती थी। जिन लोगों को लोन की जरूरत होती वे लोग इन नंबरों पर बात करते थे और आरोपी लोन लेने के इच्छुक व्यक्ति से उसका आधार कार्ड, बैंक डिटेल और छोटी मोटी संपत्ति की जानकारी मांगते थे। जब लोगों को यकीन हो जाता था कि उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लोन मिल जाएगा तो फिर आरोपी उनसे प्रोसेसिंग फीस और इंश्योरेंस के नाम पर पहले 2000 लिए जाते हैं, फिर उन्हें मैसेज किया जाता कि आपका लोन स्वीकृत हो चुका है, लोन की किस्त की देने की एवज में उन लोगों से 5200 रुपए से लेकर 10200 रुपए तक रिफंडेबल पेमेंट बताकर फर्जी मोबाईल नंबरों के व्हाट्सएप से क्यूआर कोड भेज कर धोखाधड़ी की जाती थी। फिर लोन लेने वाले को बताते थे कि रिफंडेबल पैसे 45 दिन बाद वापस हो जाएंगे। फिर कुछ समय बाद अपने नंबर बदल देते थे। आगे जांच की जा रही है। संपूर्ण कार्यवाही एव आरोपियों की गिरफ्तारी एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र पंत के नेतृत्व में निरीक्षक प्रदीप राणा की टीम की ओर से की गई है।