नाटकों के रुचिकारो ने आईना नाटक को सराहा

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देहरादून। नगर निगम सभागार में रंगमंचीय विधा को समर्पित संस्था रंगायन की नाट्य प्रस्तुति को दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया। नाटक आईना का शुभारंभ करते हुए सुनील उनियाल गामा, नगर महापौर ने कहा नाटक का ऐसी मंचन जीवंत कला है जिसमें फील्मो की तरह रीटैक नहीं होता। इसी प्रकार नाटक आईना के कलाकारो में निवेदिता बौंठियाल के जीवंत अभिनय ने आईना नाटक के साथ को सर्वसुलभ है स्वरूप में प्रस्तुत किया। रमेश राजहंस द्वारा लिखित नाटक आईना की पटकथा को निवेदिता बौंठयाल की परिकल्पना और निर्देशन ने दर्शकों को राजनेता डा कुमार के षड्यंत्र,वर्तमान हालात पर विचार करने को विवश कर दिया।दर्शको की तालियों से सभागार गूंज उठा । थैंक्यू हो मंच, पहली बार किसी बड़े काम की बात कही और प्रभाकर में मुझमें माथुर में क्या दीखता है तुम्हें जैसे हृदय स्पर्शी डायलोग ने भाव विभोर कर दिया। नाटक आईना के मंचन की सराहना करते हुए शिक्षाविद् डॉ देवेंद्र भसीन – पूर्व प्राचार्य डी ए वी महाविद्यालय देहरादून ने कहा कि नाटक में भावना पक्ष बहुत मजबूत रहा। नाटक की तैयारी और प्रभावी मंचन में निवेदिता बौंठियाल, नवनीत गैरोला, अंशुमन, केतन प्रकाश, अमित सेमवाल, मंजुल मंयक,चेतन प्रकाश, पद्म सिंह,सुषमा बड़थ्वाल और टीके अग्रवाल का सक्रिय योगदान रहा। नाटक की दर्शकों की दीर्घा को एस एस कोठियाल- महानगर अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद देहरादून, कैप्टन सुधांशु कुकरेती, नाट्य गुरु अविनंदा एडवोकेट,नीरा नंदा एडवोकेट, शिक्षाविद् हरियाणवी कवि रोशन लाल अग्रवाल, अरुण मोहन बहुगुणा आदि अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। उपरोक्त जानकारी पी आर ओ योगेश अग्रवाल ने प्रकाशनार्थ प्रदान की।