टेलीमेडिसिन सेवा से जुड़े एम्स सहित राज्य के मेडिकल कॉलेज
विशेषज्ञ चिकित्सकों से आम लोगों को मिल रहा निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श
देहरादून। उत्तराखंड का प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहे, इसके लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। सूबे में केंद्र व राज्य पोषित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत कर आम लोगों की सेहत का ख्याल रखा जा रहा है। राज्यभर में टेलीमेडिसिन सेवा का अब तक नौ लाख से अधिक लोग लाभ उठा चुके हैं। इस योजना में अब एम्स ऋषिकेश सहित प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों को भी जोड़ दिया गया है। जिससे अब आम लोग मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा का लाभ भी उठा सकेंगे। उत्तराखंड प्रति लाख टेली कंसलटेशन प्रदान करने के मामले में देशभर में दूसरे स्थान पर है।
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में टेलीमेडिसिन योजना आम लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को ई-संजीवनी के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से निःशुल्क परामर्श एवं उपचार दिया जा रहा है। डॉ रावत ने बताया कि लोगों के बीच टेलीमेडिसिन की सुगमता को देखते हुए अब एम्स ऋषिकेश सहित प्रदेश के चार सरकार मेडिकल कॉलेजों यथा दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज एवं अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज भी जोड़ दिया गया है, ताकि आम लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाओं का भी लाभ मिल सके। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों में नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ, जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, मानसिक रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं शल्य क्रिया विशेषज्ञ शामिल है। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 1068 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के टेलीमेडिसिन स्पोक्स एवं चार मेडिकल कालेजों, एम्स ऋषिकेश, 13 जिला अस्पतालों सहित स्टेट एनएचएम एवं यूपीएचसी हब के जरिए वर्ष 2020 से अब तक कुल नौ लाख से अधिक लोगों को टेली कंसलटेशन प्रदान किया जा चुका है। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में टेली कंसल्टेशन का औसत परामर्श समय 2 मिनट है जबकि औसत प्रतिक्षा समय 8 मिनट है, जो कि देश के अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं बेहतर है। उन्होंने बताया कि सोमवार से शनिवार तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक प्रदेश का कोई भी व्यक्ति ई-संजीवनी एप, वेलनेस सेन्टरों एवं टोल फ्री नंबर 104 के माध्यम से इस सेवा का लाभ उठा सकता है।