उत्तराखण्ड

सीएम धामी ने उच्चाधिकारियों के साथ राहत व बचाव कार्यों पर किया मंथन

मुख्यमंत्री ने जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र के स्थलीय निरीक्षण के बाद आपदा प्रबंधन केंद्र में की समीक्षा

देहरादून। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि जोशीमठ क्षेत्र के सर्वेक्षण अध्ययन के लिए केंद्र व राज्य सरकार के स्तर पर विभिन्न संस्थानों का आपसी समन्वय भी किया जाए ताकि त्वरित ढंग के स्थायी कारगर प्रयास किए जा सके।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जोशीमठ भू धंसाव क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण एवं पीडितों से मुलाकात के बाद वापस देहरादून पहुंचने पर सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन केंद्र में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जोशीमठ भू धंसाव से पीडित लोगों की मदद एवं राहत एवं बचाव के साथ विकास कार्यो के अनुश्रवण के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन स्तर पर तथा आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर समन्वय समिति का गठन तत्काल किया जाए। यह समिति क्षेत्र में किये जा रहे सभी कार्यों का निरंतर अनुश्रवण करेगी ताकि पीड़ितों की हर संभव मदद तथा क्षेत्र के विकास कार्यों में तेजी लायी जा सके। सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुन्दरम और आयुक्त गढवाल मंडल सुशील कुमार कल से जोशीमठ में कैंप करेंगे। मुख्यमंत्री ने पीडितों की मदद के लिए आपदा मानको से हट कर भी मदद किए जाने तथा सीएसआर के तहत भी राहत की व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा प्रबंधन के अन्तर्गत कार्यों की स्वीकृति आदि के लिये उच्चाधिकार समिति के गठन की भी बात कही ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी से कार्य हो सके। जोशीमठ को भूस्खलन एवं भूधंसाव क्षेत्र घोषित करने के साथ जिलाधिकारी चमोली का आपदा मद में 11 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर निदेशक राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र हैदराबाद तथा निदेशक भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान से जोशीमठ क्षेत्र का विस्तुत सेटलाइट इमेज के साथ अध्ययन कर फोटोग्राफस के साथ विस्तुत रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही निदेशक आईआईटी रूड़की, निदेशक वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन ज्योलाजी, निदेशक नेशनल इंस्टीटयूट आफ हाइड्रोलॉजी रूड़की एवं निदेशक सीएसआईआर, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रूड़की से भी जोशीमठ क्षेत्र का अपने स्तर से विस्तृत सर्वेक्षण एवं अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अपेक्षा की है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रणजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यालय अधिकारी आपदा सविन बंसल, आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल के साथ अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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