सिख परंपरा में भलाई के मार्ग पर चलने के हैं सिद्धांत: सिंह

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फर्स्ट सिख हिस्ट्री कांग्रेस-2023 के तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन

देहरादून/ नई दिल्ली। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीरवार को नई दिल्ली स्थित श्री गुरु तेग बहादुर ख़ालसा कॉलेज में आयोजित फर्स्ट सिख हिस्ट्री कांग्रेस-2023 के तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सिखों की महान परंपराओं और उनके इतिहास को लोगों के सम्मुख लाने का यह बेहतरीन मंच है। इसके लिए उन्होंने आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा की सिख परंपरा में भलाई के मार्ग पर चलने के सिद्धांत, करुणा, न्याय और समानता की भावना को प्रदर्शित करने वाली शिक्षाएं पूरे मानव जाति का मार्गदर्शन करने वाली हैं। राज्यपाल ने कहा की सिख धर्म मानव स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, सामाजिक न्याय, नैतिक जीवन के साथ–साथ प्यार, निस्वार्थ सेवा, मानवीय गरिमा, स्वाभिमान, सिमरन और सरबत दा भला में विश्वास करता है। प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने पूरी मानवता को एक सूत्र में पिरोने का जो संदेश दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। गुरु नानक जी ने अपने संदेश में सब कुछ तेरा और ‘एकम में विश्व कल्याण की बात कही है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के नाम जपो, कीरत करो, वंड छको के संदेश में उनकी सभी शिक्षाओं का सार है। उनकी पवित्र शिक्षाएं हम सब के लिए प्रेरणा देने वाली हैं। राज्यपाल ने कहा की हमें सिखों के इस समृद्ध इतिहास और उनके योगदान को लिखित रूप में लाने की जरूरत है, ताकि उनके इतिहास और सिख गुरुओं, उनके परिवार और असंख्य सिख शहीदों के बलिदान को लोग जान सकें। ये ऐसी कहानियां हैं जो हमें प्रत्येक भारतीय को बतानी चाहिए, क्योंकि इन कहानियों में राष्ट्र प्रथम की भावना का समावेश है। उन्होंने कहा कि सिख परंपरा सेवा परमो धर्म: को निभाते हुए कोविड  महामारी में भी अनेक सिख संस्थानों और सिखों की ओर से मानवता को बचाने का कार्य किया गया। उन्होंने आयोजकों को इस सम्मेलन के सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।