कई पदों पर दोबारा परीक्षा कराने का फैसला

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यूकेएसएसएससी परीक्षा नकल मामले में लिया गया अहम निर्णय, नकलची ब्लैक लिस्ट

देहरादून। यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में नकल के मामले में आयोग ने शुक्रवार को एक अहम निर्णय लिया है। आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा, वन दरोगा और सचिव सचिवालय रक्षक की परीक्षा दोबारा करने का फैसला लिया है, जबकि कनिष्ठ सहायक, व्यक्तिगत सहायक, पुलिस रैंकर उपनिरीक्षक, वाहन चालक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक और मुख्य आरक्षी दूरसंचार भर्ती पर निर्णय लेने के लिए विधिक राय मांगी है। आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि जिन परीक्षाओं को रद्द किया गया है। उनमें केवल वही अभ्यर्थी परीक्षा में बैठ सकेंगे जिन्होंने पूर्व में परीक्षा दी है। उन्हें केवल एडमिट कार्ड जारी कर परीक्षा देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों का नाम नकल प्रकरण में आया है। उन्हें इस परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। वहीं भविष्य में होने वाली अन्य परीक्षाओं में भी उन्हें नहीं बैठने दिया जाएगा। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से गठित जांच कमेटी ने आठ में से केवल एलटी (सहायक अध्यापक) भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट दी है। एलटी के 1431 पदों के लिए आयोग पूर्व में परीक्षा परिणाम घोषित कर चुका था व 584 सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार भी हो चुके थे, अब नौ जनवरी 2023 से शेष अभ्यर्थियों के साक्षात्कार शुरू हो जाएंगे। आयोग की अन्य सात परीक्षाओं को लेकर आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने शुक्रवार को स्थिति साफ कर दी। इतना तय है कि बाकी सात परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आई है। तभी आयोग ने इन परीक्षाओं को क्लीन चिट नहीं दी। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने इसकी पुष्टि की।  गुरुवार को आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि एलटी परीक्षा में जांच कमेटी ने कोई धांधली जैसी बात का उल्लेख नहीं किया है। इसके देखते हुए 1431 एलटी शिक्षकों के पदों के लिए पूर्व में रोकी गई साक्षात्कार की प्रक्रिया नौ जनवरी से शुरू करवाई जा रही है। अन्य सात परीक्षाओं के संदर्भ में आयोग के अध्यक्ष शुक्रवार दोपहर को आयोग मुख्यालय में स्थिति साफ करेंगे।

नकल और धांधली के लगे थे आरोप

बता दें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं पर इस वर्ष जुलाई-अगस्त महीने में नकल और धांधली के आरोप लगे थे। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आयोग की परीक्षाओं की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएफ ने एक के बाद एक 41 आरोपितों को प्रदेश व प्रदेश के बाहर से गिरफ्तार किया। इसी दौरान आयोग की ओर से करवाई गई आठ अन्य परीक्षाओं पर भी धांधली के आरोप लगने लगे। आयोग ने इन आठ परीक्षाओं की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई। जिसमें पूर्व आइएएस एसएस रावत को कमेटी का अध्यक्ष और दो सदस्य सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के एडवोकेट जनरल बीके माहेश्वरी व आइटीडीए के विशेषज्ञ संजय माथुर शामिल किए।