मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने की सहकारिता विभाग की समीक्षा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में सेब एवं कीवी के उत्पादन को मिशन मोड में लिया जाए। इसकी लगातार मॉनेटरिंग भी की जाए। इनके उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) की मजबूती पर विशेष ध्यान देने के साथ ही पैक्स को मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक पैक्स के लिए नोडल अधिकारी बनाये जाएं। प्राकृतिक खेती कलस्टर एप्रोच को बढ़ावा देते हुए सहकारिता को प्राकृतिक कृषि से जोड़ने के प्रयास किये जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देकर अपने इन स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा देना होगा। सहकारिता से जुड़े लोगों को समय-समय पर प्रशिक्षण की व्यवस्था एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की ध्वजवाहक योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ ले सकें। बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में विद्यार्थी क्रेडिट योजना एवं पैक्स के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित किये जाने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा जो योजना बनाई जा रही है, उसकी कार्यवाही शीघ्र की जाए। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने से महिला सशक्तीकरण एवं किसानों की आय बढ़ाने में यह योजना काफी कारगर साबित होगी। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत राज्य के पशुपालकों को सायलेज वितरण किया जा रहा है। यह योजना काफी अच्छी चल रही है। केन्द्र सरकार से भी इस योजना में राज्य को प्ररस्कृत किया जा रहा है। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना’ के अन्तर्गत ’सहकारी सामूहिक खेती’ के माध्यम से क्षेत्रवार विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। राज्य के समस्त जिला सहकारी बैंकों की कुल 22 मोबाइल वैन द्वारा अपने समस्त खाताधारकों को सुलभ बैंकिंग सुविधा प्रदान करा रहे हैं। प्रदेश की महिलाओं को विशेष बैंकिंग सेवायें उपलब्ध कराने हेतु समस्त जनपदों के कुल 10 जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से महिला शाखा का सफल संचालन किया जा रहा है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, रजिस्ट्रार सहकारिता आलोक कुमार पाण्डेय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।