डॉ. रावत ने दी प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी

0
251

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) दिवस पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में किया प्रतिभाग

देहरादून। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत शनिवार को बनारस पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस पर आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के अंतरराज्यीय सम्मलेन में प्रतिभाग किया। दो दिवसीय सम्मेलन में डॉ. रावत ने प्रदेश में संचालित तमाम स्वास्थ्य योजनाओं जहां जानकारी दी वहीं उन्होंने भविष्य के रोडमैप से भी अवगत कराया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडविया ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखंड के कार्यों की जमकर सराहना की और डॉ रावत के प्रयासों को अनुकरणीय बताया।

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस पर बनारस में आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के अंतरराज्यीय सम्मलेन में आज सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने प्रतिभाग किया। सिगरा स्थित रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में डॉ. रावत ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद उत्तराखंड में तेजी से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी चिकित्सा इकाईयों में आम लोगों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई वहीं लगभग 260 पैथोलॉजी जांचे मुफ्त में की जा रही है। डॉ. रावत ने बताया कि उत्तराखंड में आयुष्मान भारत जान आरोग्य योजना के अंतर्गत 49 लाख से अधिक  आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं।  प्रदेश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी उन्मूलन को लेकर लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार बेहतर करने जुटी है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखंड द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जमकर सराहना की। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत के कार्यों की प्रशंसा भी की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का अर्थ है। इसका उद्देश्य यह भी है कि जाति, धर्म, लिंग, आय स्तर और सामाजिक स्थिति में भेदभाव किए बगैर सभी को यथोचित स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना सुनिश्चित करना है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के 900 से अधिक सीएचओ ने भी प्रतिभाग किया।