लाखों की ठगी करने वाला शातिर गिरप्तार

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पिछले पांच सालों से दे रहा था पुलिस को चकमा, एसटीएफ टीम ने की गिरफ्तारी

देहरादून। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल की ओर से ईनामी अपराधियों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का ही परिणाम है कि एसटीएफ टीम की ओर से एक ऐसे शातिर ठग को चंडीगढ़ से गिरप्तार करने में कामयाबी हासिल की है जो पिछले 5 सालों से पुलिस को छकाता रहा है। इसकी गिरप्तारी के लिए पहले 5 हजार के इनाम की घोषणा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार ने की थी, परन्तु यह ठग इतना शातिर था कि पुलिस से बचने के हर हथकंडे अपनाता रहता था, जिसके कारण अभी तक पुलिस की गिरप्त में नहीं आ सका था, जिस कारण से इस आरोपी की गिरप्तारी के लिए 25 हजार रूपये के इनाम की घोषणा की गई थी। इस बार इसकी गिरप्तारी के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई गई और एसटीएफ के बिछाये जाल में फंस गया।  गौरतलब है कि आरोपी अमर सिंह ग्राम कुंजा बहादुरपुर हरिद्वार का पूर्व ग्राम प्रधान था और अपनी ग्राम प्रधानी के दौरान ही उसने अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल कर कई लोगों को इस झांसे में ले लिया था कि वह उनकी नौकरी राजकीय इंटर कॉलेज में क्लर्क के पद पर अथवा बीएचईएल हरिद्वार में लगा सकता है। इस व्यक्ति ने नौकरी लगाने का झांसा देकर कई लोगों से लाखों रुपए प्राप्त करके एक दिन अचानक जनपद हरिद्वार से गायब हो गया और अपने पूरे परिवार से संपर्क भी खत्म कर लिया। जिस पर कोतवाली रूड़की में उसके विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा वर्ष 2018 में दर्ज किया गया था। तब से आरोपी लगातार फरार चल रहा था। पुलिस अधीक्षक एसटीएफ चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि एक टीम कोतवाली रूड़की से वर्ष 2018 से घोखाधड़ी के एक मामले में वाछित शातिर अमर सिंह को पकड़ने के लिये पिछले काफी प्रयास कर रही थी, परन्तु वह काफी प्रयास के बाद भी अब तक गिरप्तार नहीं हो सका था, क्योंकि वो हर माह में अपना नया ठिकाना बदल लेता था। इस बार आरोपी अमर सिंह के लगातार ठिकाने बदलने के पैटर्न को विष्लेषित कर एसटीएफ टीम को एक नयी रणनीति बनाकर इस आरोपी की गिरप्तारी के लिए पुनः निर्देशित किया। परिणाम स्वरूप एसटीएफ की टीम ने इस शातिर अपराधी को चंडीगढ़ के एक होटल में दबिश देकर गिरप्तारी की गई। अमर सिंह होटल में अपना वेश बदलकर रखता था, ताकि कोई उसे पहचान न सके और हर महीने राजस्थान के नागौर जिले में स्थित ओशो ध्यान सेंटर में जाया करता था।