अब फेडरेशन को स्पन धागे पर अन्य राज्यों पर निर्भरता होगी समाप्त
देहरादून। उत्तराखंड को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन की ओर से सेलाकुई स्थित ग्रोथ सेंटर में अपनी धागाकरण इकाई में रेशम धागे बनाने के लिये उपयोग में लाए जा रहे रेशम कोया में से अवशेष सिल्क वेस्ट से पहली बार स्पन रेशमी धागा का उत्पादन काटघई पर शुक्रवार से शुरू कर दिया गया है, जिसका विधिवत् उद्घाटन अध्यक्ष रेशम फेडरेशन चौ अजीत सिंह ने किया। इस काटघई हस्त चलित चरखे की धागाकरण इकाई से उत्पादित होने वाले स्पन रेशमी धागे का बाजार मूल्य 4 से 5 हजार कि0ग्रा0 तक है, जिसका उपयोग मोटे रेशमी उत्पादों तथा कालीन, वेस्ट कोट, रेशमी मिश्रित एवं रेशमी शॉल बनाने मे किया जा जाएगा। फेडरेशन की ओर से अपनी रेशम धागाकरण इकाई में धागे बनाने क बाद बचे हुए सिल्क वेस्ट/बेसिन रिफयूज को बाहरी व्यापारियों को बहुत कम दाम पर बेचा जा रहा था, क्योकि प्रदेश में हैंड स्पन धागा कताई नही की जाती थी। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत एवं सचिव सहकारिता के वैल्यू एडिसन एवं कम्प्लीट वैल्यू चैन का मंत्र का यथार्थ में धरातल पर उतारने के लिए चरणवद्ध ढंग से एक पूर्ण व्यावसायिक मॉडल की दिशा में एक और कदम उठाते हुये एक प्रकार से कबाड़ से रेशमी धागा बनाने की संकल्पना को धरातल पर उतारा गया है। इस अवसर पर प्रबंध निदेशक की ओर से ग्रोथ सेंटर में बाकी अन्य दो रीलिंग इकाईयों के संचालन की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया जिस के लिए आवश्यक कच्चा रेशम की आपूर्ति के लिए अन्य राज्यों से रेशम क्रय के लिए टाईअप करने का सुझाव दिया गया। प्रबंध निदेशक आनंद शुक्ला ने बताया कि ग्रोथ सेंटर में स्थापित किए जा रहे पावर लूम इकाई के विधिवत् उद्घाटन के बाद यह रेशम क्षेत्र में एक आदर्श व्यावसायिक मॉडल के रुप में विकसित होगा। इस अवसर पर प्रबंध निदेशक रेशम फेडरेशन आनंद एडी शुक्ल, उपाध्यक्ष विक्रम सिंह बिष्ट, निदेशक प्रबंध समिति धर्मबीर सिंह तोमर, प्रबंधक यूसीआरएफ मातबर सिंह कंडारी, प्रभारी ग्रोथ सेंटर अमित नेगी सहित सभी कर्मचारी मौजूद रहे।