12 ज्योतिर्लिंगों की पौराणिक कथाओं पर आधारित विशेष कार्यक्रम का हुआ मंचन।

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देहरादून 21अक्टूबर। 12 ज्योतिर्लिंगों की पौराणिक कथाओं पर आधारित कार्यक्रम का प्रभावी मंचन हुआ। इसमें भगवान शिव के बहु विख्यात 12 ज्योतिर्लिंग की कहानी विभिन्न भारतीय नृत्य नाट्य कलाओं के माध्यम से प्रस्तुत की गई। इस आयोजन में ओडीसी, कुचिपुड़ी ,भरतनाट्यम, कत्थक, मयूरभंज, छाउ, इंडियन कंटेंपरेरी और मणिपुर धांगता आदि कलाओं का समावेश सराहनीय रहा।
राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, NIEPVD, देहरादून द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार इस कार्यक्रम के आयोजक स्वरुप प्रस्तुत किया गया। इस अद्भुत संगीतमय भारतीय नृत्य कला से ओतप्रोत कार्यक्रम को इंक्रेडिबल इंडिया और संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से प्रस्तुत किया गया ।
प्रसिद्ध सांस्कृतिक प्रतीक गुरु कनक सुधाकर ने इसकी अवधारणा, कोरियोग्राफी और निर्देशन किया। सुनैना सोसायटी द्वारा निर्मित ये नृत्य भारतीय शास्त्रीय पारंपरिक और लोक और समकालिक नृत्य रूपों को समाहित करता है।
इस विशेष कार्यक्रम “लेजेंड्स ऑफ ज्योतिर्लिंगम” में सुप्रसिद्ध अस्थिरोग रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉo बी के संजय व पदमश्री श्रीमती बसंती देवी एवम DIG CRPF संजय ढौंडिया विशिष्ट अतिथि ने संस्थान के निदेशक डॉ हिमांग्शु दास के साथ द्वीप प्रज्जविलत कर कार्यक्रम का आगाज किया।इस अवसर पर सक्षम समदृष्टि संस्था के प्रदेश सचिव ललित पंत, प्रदेश उपाध्यक्ष कपिल रतुरी व समाजसेवी योगेश अग्रवाल, शिक्षाविद रोशन लाल अग्रवाल, राष्ट्रीय संगठन सचिव, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, एवम श्रीमती रमा गोयल अध्यक्ष हर्षिल फाउंडेशन आदि गणमान्य अतिथि ने कार्य क्रम की भूरि भूरि सराहना की।
NIEPVD संस्थान के निदेशक डॉo हिमांगशू दास ने सभी अतिथियों एवं पत्रकार बंधुओं को एवम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को १२ ज्योतिर्लिंगों की गाथाओं पर आधारित नृत्य नाटिका के विषय में जानकारी दी । इस अवसर पर संस्थान के अधिकारी, कर्मचारी व छात्र छात्राएं सभी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। NIEPVD के निदेशक डॉo हिमांगशू दास ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का मंच संचालन श्रीमती चेतना गोला,कार्यक्रम निर्माता ने रोचक स्वरूप में किया।