देहरादून 03अक्टूबर।  श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट, राजपुर के 73 वें श्री रामलीला महोत्सव -2022 के सातवें दिन की लीला में पंचवटी में श्री राम एवं लक्ष्मण का सौंदर्य से आकर्षित रावण की बहिन शूर्पणखा पंचवटी में राम लक्ष्मण को लुभाने लगी। बार बार कभी राम से तो कभी लक्ष्मण से विवाह के लिए जोर जबरदस्ती करने लगी। राम और लक्ष्मण के समझाने पर जब शूर्पणखा नहीं मानी तो राम की आज्ञा लेकर लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक काट डाले। इस प्रकार दुखी और क्रोधित शूपर्णखा ने यह समाचार अपने भाई खर और दूषण को बताया जिस पर खर और दूषण अपनी सेना को साथ लेकर राम और लक्ष्मण से युद्ध करने के लिये पंचवटी ग्रे जहां भयानक युद्ध में खर और दूषण मारे गए। कुपित हो शूपर्णखा अपने बड़े भाई लंका के राजा रावण के पास गरीब। महाज्ञानी रावण ने जान लिया कि खर और दूषण को मारने वाला कोई साधारण मानव नहीं हो सकता। ऐसा प्रतीत होता है कि विष्णु का अवतार हो चुका।। इसके परीक्षण हेतु रावण ने सीता हरण कर राम से शत्रुता का मार्ग चुना। जिसके लिये अपने मामा मारीच को स्वर्ण मृग का वेश बनाकर पंचवटी भेजने का आदेश रावण ने मारीच को दिया। मारीच ने स्वर्ण मृग का रुख धारण कर सीता के समक्ष पंचवटी में भ्रमण करने लगा। सीता के मन को स्वर्ण मृग बहुत भाया। सीता ने अपने पति श्री राम को मृग पालने के लिए पकड़ कर लाने की विनती की। राम सीता के अनुरोध को टाल न सके। राम मृग का पीछा करते हुए जैसे ही मृग को बात से मारा वैसे ही मृग के रुप में मारीच ने भैया लक्ष्मण भैया लक्ष्मण की पुकार लगाई जिसे सुनकर सीता ने अपने पति श्री राम को संकट में जानकर लक्ष्मण को उनकी सहायता के लिए जाने को कहा। लक्ष्मण ने कहा कि माता जी प्रभु राम पर किसी भी प्रकार का संकट नहीं आ सकता। और ये सब मायावी चाल है। किन्तु सीता के सन्देह करने लक्ष्मण को अपशब्द कहकर लक्ष्मण को तत्काल राम की सहायता के लिए जाने की आज्ञा दी । जिससे उचित अवसर देखकर रावण ने साधुवेश धारण कर पंचवटी जाकर सीता का हरण कर लिया। रोती बिलखती सीता की आवाज सुनकर जटायु ने रोकने का बहुत प्रयास किया किंतु रावण ने जटायु को मुर्च्छित कर सीता को हरण कर आकाश मार्ग से लंका ले गया। इधर लौटने पर पंचवटी को खाली पा कर राम और लक्ष्मण बहुत दुखी हुए और विलाप करने लगे। घायल जटायु की आवाज सुनकर और जटायु के मुख सीता हरण का वृत्तांत सुनकर राम ने रावण को उसके कृत्य की सजा देने का संकल्प किया। सीता और लक्ष्मण के मार्मिक प्रसंगों से वातावरण गमगीन हो गया। देवभूमि उत्तराखंड राज्य के राजपुर देहरादून क्षेत्र में श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट  राजपुर में श्री गणेश जोशी मा०केबीनेट मंत्री, उत्तराखंड सरकार तथा पद्म श्री डॉ बी के एस संजय का स्वागत सम्मान किया। श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट राजपुर के प्रधान योगेश अग्रवाल ने उपस्थित सभी अतिथियों एवं श्रृद्धालू दर्शकों का स्वागत करते हुए सभी से सहयोग की प्रार्थना की । आज के आयोजन में संरक्षक जय भगवान साहू, मंत्री -अजयगोयल, उप प्रधान श्री शिवदत्त, राजकुमार गोयल, कोषाध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल, उप प्रधान शिवदत्त, आडीटर ब्रह्म प्रकाश वेदवाल, डायरेक्टर चरण सिंह, अमन कन्नौजिया,वेद प्रकाश साहू,अमन अग्रवाल,विभू वेधशाला, आदि सभी के सहयोग तैयार की लीला को सभी अतिथियों एवं श्रृद्धालू दर्शकों ने मुक्त कंठ से सराहना कर तालियां बजाकर स्वागत किया। श्रीराम लीला आयोजन में राम बने उपदेश,लक्ष्मण- गणेश, सीता- संगीत, रावण बने दिनेश, शूपर्णखा -रघुबीर,खर-बाबूलाल दूषण- सुरजीत के ज्वलंत अभिनय सभी दर्शकों ने प्रत्येक रागिनी, गीत संगीत,डायलॉग, चौपाई, गीत एवं शायरी पर जोरदार तालियां बजाकर सभी पात्रों का उत्साह वर्धन किया। दशरथ और सुमंत के मार्मिक संवादों ने सभी का मन मोह लिया।