कैराना, शामली। गौशाला भवन कैराना जनपद शामली में श्री रामलीला महोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है जिसमें चौथे दिन के श्री राम लीला महोत्सव का शुभारंभ श्री संजीव गोयल डायरेक्टर डीके पब्लिक स्कूल कैराना द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया वही प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि श्रवण कुमार गुरु वशिष्ट के बताए अनुसार अपनी कावड़ में बैठा कर और अपने कांधे पर कावड उठाकर अपने माता पिता को चार धाम यात्रा करवाते है चार धाम यात्रा कराने के बाद श्रवण कुमार के माता पिता को प्यास लगती है जिस पर श्रवण कुमार अपने माता पिता के लिए सरयू नदी के किनारे जल लेने के लिए जाते हैं उधर अयोध्या के राजा दशरथ अपनी सेना के साथ शिकार की तलाश में जंगल में घूम रहे होते हैं तब उन्हें श्रवण कुमार को जल भर रहे थे उसकी ध्वनि सुनाई देती हैं। महाराज दशरथ श्रवण कुमार को जंगली जानवर समझ कर शब्दभेदी तीर मार देते हैं। श्रवण कुमार घायल होकर वहीं गिर जाते हैं और चित्कार करते हुए अपने माता-पिता को याद करते हुए विलाप करते हैं। महाराजा दशरथ को श्रवण कुमार के विलाप से पता लगता है कि छोडा गया शब्दभेदी तीर किसी जंगली जानवर को नहीं बल्कि श्रवण कुमार को लगा है वह श्रवण कुमार से क्षमा मांगते हैं श्रवण कुमार राजा दशरथ से कहता है कि मेरे माता-पिता बेहद प्यासे हैं आप उनके लिए जल ले जाओ और विलाप करते हुए अपने प्राण त्याग देता हैं। जब महाराजा दशरथ श्रवण कुमार के अंधे मां-बाप के लिए जल लेकर जाते हैं और उन्हें सारा वृत्तांत बताते हैं कि उनके तीर से उनका बेटा सरवन कुमार मारा गया तो सरवन के बूढ़े मां बाप अपने पुत्र की मृत्यु पर विलाप करते हुए दशरथ को श्राप देते हैं कि जिस प्रकार आज हम पुत्र के वियोग में तड़प रहे हैं उसी प्रकार आप भी पुत्र के वियोग में तड़प तड़प कर अपने प्राण त्याग दोगे बहुत ही मार्मिक दृश्य था श्रवण कुमार के तीर लगने का रामलीला में आयें स्त्री पुरुष दर्शक इस मार्मिक दृश्य को देखकर अपने आंसू नहीं रोक पायें बहुत से दृश्कों को आंसू बहाते देखा गया। वही उससे अगले दृश्य में दिखाया गया कि माता कौशल्या को स्वप्न में विष्णु भगवान दिखाई देते हैं और माता कौशल्या के गर्भ में विराजमान हो जाते हैं। उधर महाराजा दशरथ अपने पुत्र प्राप्ति के लिए धार्मिक अनुष्ठान कर आते हैं जिस पर महाराजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति होती है। जिनका नामकरण संस्कार गुरु वशिष्ट जी के द्वारा किया जाता है और अयोध्या में बधाइयां गाई जाती है श्री रामलीला मंचन के दौरान भव्य सीनरी का आयोजन सीनरी मास्टर श्री पदम सेन नामदेव और रोहित नामदेव के द्वारा किया गया। श्रवण कुमार का अभिनय सतीश प्रजापति, श्रवण कुमार के माता पिता का अभिनय सनी और सोनू , महाराजा दशरथ का अभिनय राम अवतार मित्तल, विष्णु भगवान का अभिनय रोहित नामदेव, माता कौशल्या का अभिनय डॉक्टर सुशील कुमार ,सुमित्रा का अभिनय धीरू, केकई का अभिनय सन्नी, राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न का अभिनय हिरक, चित्रक, देव व प्रेरक द्वारा किया गया lइस दौरान मुख्य रूप से डॉ राम कुमार गुप्ता, मनोज मित्तल, विजय नारायण, एडवोकेट व सभासद शगुन मित्तल, राकेश गर्ग, राजेश नामदेव, अतुल गर्ग, सुशील सिंगल, आलोक गर्ग, जयपाल कश्यप एडवोकेट, मोहनलाल आर्य, पुनीत गोयल, शिवम गोयल, अतुल गर्ग, पंकज सिंघल संजू वर्मा, अभिषेक गोयल, आशु, शिवम, सोनू कश्यप, सागर, प्रभात, आशीष, अनिल गोयल, नीटू ,अतुल, अंकित, मुकेश, सोनू , विक्की, आशीष, अमित, आयुष, सचिन शर्मा, रोहित व अमित आदि मौजूद रहे l
रिपोर्ट :- सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी जनपद शामली उ०प्र०।