देहरादून 05सितंबर। दशलक्षण महापर्व के छठवें दिन क्षुल्लक रत्न 105 समर्पण सागर जी महाराज ने उत्तम संयम धर्म पर सारगर्भित प्रवचन किए,आपने बताया संयम से ही हमें भव भव के दुखों से छुटकारा मिल सकता है वास्तव में संयम ही मोक्ष का मार्ग है।जीवन में संयम रखना सुख दुख में समान भाव रखना इंद्रियों पर नियंत्रण रखना ही उत्तम संयम है,इंद्रिय रूपी वाहन पर ब्रेक रूपी नियंत्रण जरूरी है अन्यथा दुर्घटना हो सकती है,अपने खान पान पर संयम नहीं रखा तो शरीर बीमार पड़ सकता है, अतः जीवन में संयम का बहुत महत्व है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला में आज जैन भवन गांधी रोड पर भगवान महावीर के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्वलन भारतीय जैन मिलन के पदाधिकारी गण, उत्सव समिति , जैन समाज के वरिष्ठ एवं गणमान्य महानुभावों द्वारा किया गया, भगवान महावीर स्वामी जी के वंदन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। दशलक्षण में भादो के दिन पर आधारित सुंदर वंदना की गई, तत्पश्चात भक्तांबर की रचना का गुणगान एक कव्वाली के द्वारा प्रस्तुत किया गया। आज के दिन की विशेष प्रस्तुति “पंचकल्याणक महोत्सव” जिसमें भगवान महावीर के गर्भ, जन्म, तप,ज्ञान ,मोक्ष, सभी पांचो कल्याणको को बहुत ही सुंदर और अनोखे ढंग से प्रस्तुत किया गया इसके बाद “सेठ सुदर्शन” की नाटिका प्रस्तुत की गई जिसमें णमोकार मंत्र की महिमा का अतिशय दिखाया गया। इस अवसर पर भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष वीर नरेश चंद जैन, क्षेत्रीय मंत्री वीर संजय जैन, डॉक्टर संजीव जैन, उत्सव समिति के संयोजक संदीप जैन अजीत जैन,अमित जैन जैन समाज के, महामंत्री राजेश जैन, जैन भवन के अध्यक्ष सुनील जैन, सुकमाल जैन, मीडिया संयोजक गोपाल सिंघल, अंकुर जैन, वीरेश जैन, मंजू जैन, गीतिका जैन, वीना जैन, सीमा जैन ,प्रियंका जैन, मीनू जैन ,सारिका जैन ,शिल्पी जैन, अंजू जैन, शालु जैन ,हिमानी जैन ,वैशाली जैन, भावना ,कृतिका, प्रियल ,मान्या सहित धर्मप्रेमी उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन अध्यक्षा संगीता जैन व प्राची जैन द्वारा किया गया मूक माटी परिवार की तरफ से पूनम जैन, सरिता जैन ने कार्यक्रम में आए सभी लोगों का विशेष आभार व्यक्त किया।