यूकेडी ने तीस प्रतिशत महिला आरक्षण के पक्ष में राज्यपाल को भेजा ज्ञापन।

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देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को महिला अभ्यर्थियों को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर हाईकोट की रोक के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में वाद प्रस्तुत करने के संबंध में ज्ञापन दिया।
उत्तराखंड क्रांति दल की निवर्तमान केंद्रीय महिला अध्यक्ष प्रमिला रावत ने कहा कि यह विडंबना है कि सरकार की कमजोर पैरवी के कारण न केवल राज्य सेवा आयोग की सम्मिलित सेवा (प्रवर) के पदों पर उच्च न्यायलय ने रोक लगाई, बल्कि वर्ष 2006 के शासनादेश पर भी रोक लगा दी है। जिस राज्य की लड़ाई के केंद्र बिंदु में महिलाएं ही थी, वहीं दूसरी ओर 2006 के बाद एक बार की कांग्रेस सरकार व तीन बार की भाजपा सरकार के लिए भी शर्म की बात है कि 2006 के शासनादेश को कानून नही बना सकी। कई मामलों में ऐसा हुआ है कि सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ विधान सभा में विधेयक लाकर उच्च न्यायालय के फैसले को नकार दिया। प्रमिला रावत ने कहा कि देश के किसी भी राज्य के संघर्ष में कोई शहादत नही हुई, सिर्फ उत्तराखंड राज्य के संघर्ष में 42 से भी अधिक लोगों ने शहादतें दी है, जिनमे दो महिलाएं भी थी। लिहाजा यूकेडी की मांग है कि सरकार उच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध सर्वाेच्च न्यायालय में अविलंब अपील प्रस्तुत करे व उत्तराखण्ड के पक्ष को मजबूत पैरवी करे। ज्ञापन देते हुए संरक्षक बीडी रतूड़ी, एपी जुयाल, सुरेन्द्र कुकरेती, जयप्रकाश उपाध्याय, विजय बौड़ाई, अशोक नेगी, दीपक रावत, शकुंतला रावत, उत्तरापन्त बहुगुणा, किरण रावत, सुलोचना इष्टवाल आदि कई लोग मौजूद रहे।