रोडवेज में आउटसोर्सिंग भर्तियों पर यूकेडी मुखर। सौंपा ज्ञापन

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देहरादून 13अगस्त। उत्तराखंड क्रांति दल ने चालक परिचालकों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात किए जाने के विरोध में मुखर तेवर अपना लिए हैं।

सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान के माध्यम से मुख्यमंत्री को उत्तराखंड क्रांति दल ने इस संबंध में एक ज्ञापन भी प्रेषित किया है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने चालक और परिचालकों के पदों को विभागीय नियुक्ति अथवा सरकारी एजेंसियों से आउटसोर्स करने की मांग की है। उन्होंने इन पदों पर उत्तराखंड के ही निवासियों को भर्ती करने की मांग की है। चालक परिचालक जैसे पदों पर उत्तराखंड से बाहर के लोगों को भर्ती किए जाने पर उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
उत्तराखंड क्रांति दल ने परिवहन विभाग में प्राइवेट एजेंसी के मार्फत आउटसोर्सिंग किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि आउटसोर्सिंग के  परिणाम स्वरुप लंबे समय से नियमित नियुक्ति की मांग कर रहे संविदा चालक परिचालकों का सपना टूट जाएगा।
इसके साथ ही यूकेडी नेता सेमवाल ने पहले मृतक आश्रितों को नियुक्त करने की मांग की है।
गौरतलब हैं कि  रोडवेज मे रुड़की की एक आउटसोर्स एजेंसी MKSSSS के संचालक शहजाद अहमद माध्यम से 589 ड्राइवर कंडक्टर की भर्ती होने जा रही है।
सेमवाल ने सवाल उठाया है कि उत्तराखंड मे UPNL, PRD और सेवायोजन विभाग जैसी सरकारी आउटसोर्सिंग एजेंसियों  के बावजूद ये भर्ती एक प्राइवेट आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से क्यों हो रही है !!
ड्राइवर कंडक्टर की हमेशा जरूरत है फिर इन पदों पर आउटसोर्सिग क्यों हो रही है !!
यूकेडी नेता राजेंद्र सिंह गुसाई ने कहा कि यह आउटसोर्सिंग एजेंसी एक नौसिखिया एजेंसी लगती है, इसकी वेबसाइट भी लागइन करने पर अंडर कंस्ट्रक्शन बता रही है। पहले भी परिवहन विभाग में प्राइवेट आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कर्मचारी रखने का इतिहास अच्छा नहीं रहा है इससे सरकार की छवि खराब हो सकती है।
यूकेडी ने पहले संविदा पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति देने की मांग की है तथा मृतक आश्रितों को नियुक्ति करने की मांग की है।
शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि नई भर्तियों  को एजेंसी से आउटसोर्सिंग करने के बजाए विभागीय नियुक्ति की जाए अथवा सरकारी आउटसोर्सिंग एजेंसी जैसे उपनल, पीआरडी ,सेवायोजन कार्यालय आदि माध्यम से अथवा विभागीय संविदा पर किया जाए। ऐसा न करने पर उत्तराखंड क्रांति दल ने आंदोलन की चेतावनी दी है।