आजादी के अमृत महोत्सव के अर्न्तगत 75 अमृत सरोवर का निर्माण नरेगा के अंतर्गत किया जा रहा है इस संबंध मे जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने समीक्षा बैठक ली।

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रूद्रपुर 04 जून -जनपद में आजादी के अमृत महोत्सव के अर्न्तगत 75 अमृत सरोवर का निर्माण नरेगा के अंतर्गत किया जा रहा है इस संबंध में आवश्यक बैठक जिलाधिकारी युगल किशोर पंत की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के वीसी हॉल में संपन्न हुई उन्होंने बताया प्रत्येक सरोवर 1 एकड़ में विकसित होगा उसकी जल संग्रहण क्षमता लगभग 10,000 क्यूबिक मीटर होगी। उन्होंने रेशम कृषि व उद्यान विभाग के अधिकारियो को निर्देश देते हुये कहा कि तालाबों के किनारे जामुन, कटहल, आम व बेर आदि के छायादार वृक्ष लगाने की प्रक्रिया शीघ्र अतिशीघ्र पूर्ण करें। उन्होने कहा सरोवर निर्माण हेतु जनपद में कुछ स्थलों का चयन कर अमृत सरोवर पोर्टल पर उपलब्ध करें तथा उपयुक्त पाए जाने पर इन स्थलों की जियो टैगिंग कराएंगे उन्होंने बताया चयनित स्थल उपयुक्त ना होने पर अन्य स्थानों पर चयन कर नए स्थलों की अमृत सरोवर पोर्टल पर डाटा एंट्री की जाए। उन्होने खण्ड विकास अधिकारी को कहा मनरेगा के कार्यों में गति लाने के लिये सम्बन्धित उप जिलाधिकारी से समन्वय बनाकर कार्यो को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी पंत ने सभी बीडीओ को निर्देश देते हुये कहा नरेगा के अन्तर्गत जो धनराशि खर्च की जा रही है उसकी सूचि समय-समय पर सीडीओ कार्यालय को उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा सरोवर निर्माण हेतु संबन्धित ग्राम पंचायत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या शहीदों की ग्राम पंचायतों को वरीयता दी जाएगी। उन्होंने कहा कार्य का प्रारंभ इनके परिवार के किसी सदस्य के हाथों कराया जाएगा। इनकी अनुपस्थिति में ग्राम पंचायत के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा सिला पत्थर लगवाया जाए। उन्होंने कहा कार्य के प्रारंभ को सामुदायिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा सरोवर का सबसे उपयुक्त डिजाइन तैयार कर सरोवर का वाटर ट्रीटमेंट, ड्रेनेज, इनलेट, आउटलेट व झंडारोहण प्लेटफार्म अनिवार्य सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने संबन्धित अधिकारी को तालाब में बरसात का पानी आने के लिए चारों साइड में ह्यूम पाइप लगाने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, जिला विकास अधिकारी डा0 महेश कुमार, अपर मुख्य अधिकारी बीसी छिम्वाल, सहायक कृषि अधिकारी डा0 जितेन्द्र बिष्ट, उद्यान निरक्षक वर्षा गर्ब्याल, मत्स्य निरक्षक नीलू नगरकोटी आदि उपस्थित थे।