उत्तर प्रदेशधर्म-संस्कृतिविशेष समाचार

नासिर जमील कुददूसी की दस्तारबंदी कर किया सज्जादानशीं घोषित

गंगोह/सहारनपुर। दरगाह हजरत कुतबे आलम के अस्थाई सज्जादा नशीं रहे शाह मंसूर एजाज की मृत्यु के बाद गंगोह की सज्जादगी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। गत रात्रि नासिर जमील कुददूसी की दस्तारबंदी कर सज्जादानशीं घोषित किया गया। जिसमें बिरादरी के लोगों के अलावा सूफी और दरवेशों ने भाग लिया।
मोहल्ला मुबारक अली स्थित आवास पर शजरा पढ़कर सुनाने के बाद मौजूद लोगों ने नासिर जमील की दस्तारबंदी कर उनके पक्ष में तैयार पत्र पर हस्ताक्षर किए। ज्ञातव्य हो कि हजरत कुतबे आलम के उर्स पर सज्जादानशीं ही हजरत कुतबे आलम के जेबतन फरमाएं गये लिबास दस्तार को पहनकर जुलूस के रूप में उसकी जियारत कराता है। 25 वर्ष पूर्व सज्जादानशीं शाह कुरैश मियां की मृत्यृ होने पर अस्थाई तौर पर कलियर शरीफ के सज्जादानशीं शाह मंसूर एजाज को यह जिम्मेदारी दी गई थी परंतु 22 मई 2021 को उनका देहांत होने पर फिर सज्जादगी का मसला खड़ा हो गया। जिसे लेकर कई दावेदार पैदा हो गये हैं। हालांकि दिवंगत सज्जादानशीं स्वर्गीय शाह कुरैश का निकटतम संबंधी होने के नाते नासिर जमील को सर्वाधिक सशक्त दावेदार माना जा रहा है। शाहिद कुददूसी, खालिद कुददूसी, आदिल कुददूसी, डॉ. सुहैल कूददूसी, फैसल कुददूसी, सूफी जहीर अख्तर, तमीम अहमद, बिलाल शाह, वासिक कुदूदसी, नय्यर मंजूर, सालिम कुददूसी, शाहनवाज कुददूसी, सैफुर्रहमान जमाली, कमर साबरी, अजमत अली शाह आदि रहे।

रिर्पोट:- सिद्धार्थ भारद्वाज शामली उत्तर प्रदेश 

Related Articles

Back to top button