उत्तराखण्ड

कलश यात्रा के साथ भगवत कथा का शुभारंभ

देहरादून 23 मई । दून यूनिवर्सिटी रोड़ के गोकुल धाम सुसाईटी के पार्क में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा से पूर्व भगवान सिद्धेश्वर मन्दिर से बैंडबाजों के साथ कलश यात्रा निकाली गयी जिसमें पीत वस्त्र में महिलाएं कतारबद्ध सर पर कलश लिए बंगाली कोठी चौक टिहरी नगर होते हुए कथा स्थल पर जलधारा से गोपाल जी का वेद मंत्रो से स्नान कराया गया । ज्योतिष पीठ व्यास पद से अलंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने भक्ति ज्ञान बैराग्य की चर्चा में हम सब आत्मदेव हैं मगर बुद्धी के द्वैष के कारण धुंधकारी पैदा होते हैं,जो सनातनी व्यवस्था मनुष्य वाह्य को न मानें वही धुंधकारी है, मनुष्य को सार्थकता बोलते हुए आचार्य ने कहा कि जो वाणी भगवान के गुणों का गान करती है, वहीं सच्ची वाणी है। वे ही हाथ सच्चे हाथ हैं,जो भगवान की सेवा के लिए काम करते हैं। वही मन सच्चा मन है, जो चराचर प्राणियों में निवास करने वाले भगवान का स्मरण करता है, और वे ही कान वास्तव में कान कहने योग्य हैं, जो भगवान की पुण्यमयी कथाओं का श्रवण करते हैं।
वही सिर सिर है, जो चराचर जगत को भगवान की चल- अचल प्रतिमा समझ कर नमस्कार करता है; और जो सर्वत्र भगवतविग्रह का दर्शन करते हैं, वे ही नेत्र वास्तव में नेत्र है। शरीर के जो अंग भगवान और उनके भक्तों के चरणोदक का सेवन करते हैं, वे ही अंग वास्तव में अंग हैं; सच पूछिए तो उन्हीं का होना सफल है शिवेन्द्र रावत ने कहा यह कथा 23 मई से 29 मई तक चलेगी नित्य 2/30 से 6/30 सायं तक । आज शिवेंद्र सिंह रावत, शिवांश रावत, कुमारी दिव्यांशी रावत, राजेंद्र सिंह रावत,श्रीमती डबली रावत, नितिन रावत, श्रीमती हेमा रावत, अक्षय रावत,
किशोर रावत शुभराल नेगी आदि उपस्थित थे।

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