इंतजार की घडियां खत्म,कल खुलेगा राजनीतिक बाहुबलियों के भाग्य का पिटारा।

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देहरादून। विधानसभा चुनावों में किस पार्टी की किस्मत खुलेगी उसका इंतजार अब खत्म होने जा रही है। 10 मार्च को उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों की मतगणना होनी है। जिसका हर राजनीतिक दल को बेसब्री से इंतजार है। जैसे-जैसे 10 मार्च की तारीख करीब आ रही है, चुनाव में किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों की धड़कन भी बढ़ रही है। खासकर उत्तराखंड की हॉट सीट पर हर किसी की नजरें टिकी हैं।
भाजपा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ही सबसे बड़ा चेहरा हैं। उत्तराखंड की सबसे हाट विधानसभा सीटों में खटीमा, लालकुआं और गंगोत्री शामिल है। खटीमा विधानसभा, ऊधमसिंह नगर जिले की सबसे हॉट सीट है। यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनावी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी टक्कर दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर अपनी ही नहीं भाजपा की अधिकतम सीटें जीतकर अपने नेतृत्व को भी साबित करने की चुनौती है। सीएम धामी लगातार दो बार से इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार धामी हैट्रिक बनाने के साथ ही सीएम कुर्सी को दोबारा पाने वाले पहले मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रचेंगे। बात अगर साल, 2017 के चुनावों की बात करें तो धामी ने तब भुवन कापड़ी को 2709 वोटों से हराया था। साल 2017 में पुष्‍कर धामी को 29,539 वोट मिले थे, जबकि भुवन कापड़ी मामूली वोटों के अंतर (26830 वोट मिले थे) से हारे थे। इस बार, आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रहे एसएस कलेर भी इस सीट से चुनावी मैदान में हैं। जिसके कारण इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। बात अगर साल, 2017 के चुनावों की बात करें तो धामी ने तब भुवन कापड़ी को 2709 वोटों से हराया था। .तीसरी हॉट सीट की अगर बात करें तो इसमें गंगोत्री विधानसभा का नाम आता है। यहां से आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार कर्नल अजय कोठियाल चुनाव लड़ रहे हैं। दो बार के विधायक कांग्रेस नेता विजयपाल सिंह सजवाण एक बार फिर यहां से भाग्य आजमा रहे हैं। जबकि पिछली बार चुनाव जीते गोपाल सिंह रावत की मृत्यु के बाद बीजेपी ने यहां से सुरेश चौहान को अपना प्रत्याशी बनाया है। ये सभी दिग्गज गंगोत्री की चुनावी लड़ाई को रोचक बना रहे हैं, जिसके कारण इस सीट पर सियासी घमासान ज्यादा है। अब देखने वाली बात यह होगी मुख्यमंत्री पद के ये तीनों दावेदारो की मतगणना के बाद स्थिति क्या होगी।